कोण्डागांव
प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है-लता उसेंडी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 16 अक्टूबर। बालिका बालगृह से एक बालिका गुम हो गई है, जिससे पूरे विभाग में हडक़ंप मच गया है, वहीं सिटीकोतवाली पहुंचकर शिकायत दर्ज किया गया है।
कोण्डागांव डीपीओ अवनी विश्वाल ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है समय-समय पर लड़कियां बिना बताए चली जाती हैं, फिलहाल विभाग और पुलिस खोजबीन कर रही है, वहीं पूर्व महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि वर्तमान की भूपेश बघेल की सरकार के संरक्षण में अधिकारियों केा हौसले इतने बुलंद है, कि आदिवासी बच्ची के अचानक गुम हो जाना कोई बड़ी बात नहीं लगती और गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। यही कारण है की छत्तीसगढ़ में बालिकाओं और महिलाओं के प्रति अपराध दिनों दिन बढ़ते जा रहे है। ऐसी सरकार को रहना नहीं चाहिए।
जानकारी अनुसार कोण्डागांव जिला मुख्यालय में महिला एवम् बाल विकास विभाग कोण्डागांव अंतर्गत छ.ग. बालकल्याण परिसर द्वारा संचालित बालगृह (बालिका) कोण्डागांव में बालिकाओं को संरक्षण दिया जाता है। लेकिन बच्चा चोरी अफवाह के बीच कोंडागांव की बालिका आश्रम से नाबालिग छात्रा गुम हो गई।
बताया गया कि बालिका आश्रम मों 10 अक्टूबर को जगदलपुर से रेस्क्यू कर एक नाबालिक बालिका को लाया गया था और 15 अक्टूबर की सुबह बालिका बाल गृह केंद्र से गुम हो गई है। विभाग के द्वारा आसपास पूरी छानबीन करने के बाद भी नहीं मिलने पर कोंडागांव के थाना में शिकायत कर दिया गया है।
बालिका लापता होने की मिली सूचना - टीआई
सिटी कोतवाली थाना कोण्डागांव प्रभारी निरीक्षक भीमसेन मांडवी ने बताया की महिला एवम् बाल विकास विभाग से 13 वर्षीय बालिका लापता होने की शिकायत मिली है। सूचना में 10 अक्टूबर को जगदलपुर से रेस्क्यू कर बालिका को लाया गया था व 15अक्टूबर सुबह से कहीं चली गई है, इस संबंध में गुम इंसान रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है, हमारी टीम व विभाग के द्वारा खोजबीन जारी है अब देखना होगा कि कब तक उस बालिका को ढूंढ पाते है।
बालिका लापता होना आम बात-डीपीओ
जब इस पूरे मामले पर अवनी बिसवाल डीपीओ से बात की गई तो उनका कहना है, बालिका लापता होना आम बात है। इस तरह की घटनाएं होती रहती है!
पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि जिस प्रकार से बालिका बालगृह से 13 वर्षीय बालिका के गुम होने की सूचना मिली है वह बहुत ही दुखद है। विभाग की लापरवाही के चलते इतनी बड़ी घटना घटी है। वर्तमान में भूपेश बघेल की सरकार, मोहन मरकाम की सरकार में पूरा प्रशासन निरंकुश हो गया है। जिससे पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है और यहीं कारण है जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं पूरे प्रदेश में बढ़ती जा रही है।
महिलाओं एवं बालिकाओं के ऊपर अनाचार अत्याचार की घटनाएं दिनोंदिन देखने को मिल रही है। इतनी बड़ी घटना को लेकर जिस प्रकार से विभागीय अधिकारीयों के द्वारा गैर जिम्मेदाराना बयान दिया जा रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसे अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर हटा देना चाहिए, क्योंकि सभी बच्चों की देखरेख करना उनकी जिम्मेदारी होती है। जिस प्रकार से सरकार विधानसभा में आंकड़े प्रस्तुत करती है और धरातल पर हमारे सामने जो प्रस्तुत है, उससे साफ नजर आ रहा है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसी सरकार को नहीं रहना चाहिए।