कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 4 नवम्बर। कलेक्टर दीपक सोनी द्वारा मानसिक स्वास्थ्य हेतु संचालित मंथन कार्यक्रम अंतर्गत जिला प्रशासन व यूनिसेफ की अनुसंगी संस्था मानस फाउण्डेशन द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर कलेक्टर ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत मंथन कार्यक्रम में आदिवासी विकास विभाग के सहयोग से स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य हेतु आश्रम छात्रावासों में शिविरों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि, इस कार्यक्रम को पायलट प्रोजक्ट से विस्तृत कर जिले के अन्य आश्रम छात्रावासों तक ले जाना होगा। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाये, ताकि अपने परिवार एवं परिजनों को छोड़ छात्रावासों में रह रहे बच्चों को गुस्सा नियंत्रण, अवसाद, अकेलापन, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं में सहायता प्राप्त हो सके। जिससे वे अकादमिक के साथ व्यक्तिगत जीवन में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकें। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के साथ बच्चों को दुव्र्यसनों से बचाने के लिए हॉस्टल अधीक्षकों को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रशिक्षण के साथ मादक द्रव्यों की सूची बनाकर दी जायेगी ताकि ऐसे किसी पदार्थ का सेवन करने पर अधीक्षक उनसे परामर्श कर उन्हें समझाईश दे सकें।
इसके लिए उन्होंने वीडियो, पोस्टर एवं प्रचार सामग्रियों को छात्रावासों में वितरित करने को कहा। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम को विस्तृत करते हुए सखी सेंटर के अधिकारियों, महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों व अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को भी अवसादों से बचाव एवं ऐसे प्रकरणों से निपटने हेतु मानसिक स्वास्थ्य का प्रशिक्षण देने को कहा।
ज्ञात हो कि, समन्वयित बाल विकास कार्यक्रम के कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, छात्रावास अधीक्षकों, मितानिनों एवं शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।