कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
विश्रामपुरी (जिला कोंडागांव), 11 नवंबर। बिजली का लाइन काट दिया, फिर स्पॉट बिलिंग के नाम पर लंबा बिल थमा दिया गया, जिसे देखकर आदिवासी परिवार के होश उड़ गए। इतना ही नहीं इसके कुछ दिन बाद उन्हें कोर्ट का नोटिस भी मिल गया कि समझौता के लिए उन्हें लोक अदालत में पहुंचना होगा तथा वहां पैसे जमा करने के बाद राजीनामा होगा।
सरकार बनने के पहले कांग्रेस का नारा था किसान का कर्जा माफ बिजली बिल हाफ। लोग इसी के चलते बिजली बिल नहीं पटा रहे थे, इसी बीच कई लोगों का बिल बढ़ गया। ऐसा ही कुछ बड़े राजपुर ब्लॉक के ग्राम बांसकोट के आदिवासी जैतन राम मरकाम के साथ हुआ।
जैतन राम को कुछ महीनों से बिजली बिल नहीं मिला, तो वह यह समझ रहा था कि सरकार का नारा बिजली बिल हाफ के चलते उसका बिजली बिल भी माफ हो गया है।
इसी बीच उनके घर कुछ लोग पहुंचे तथा स्पॉट रीडिंग कर लंबा बिल थमा दिया। उस वक्त उसे कुछ समझ नहीं आया, तब वह आसपास के कुछ पढ़े-लिखे लोगों से पूछताछ किया कि यह लंबा कागज क्या है, तब उसे यह बताया गया कि यह बिजली बिल है। आजकल स्पाट रीडिंग में ऐसा ही लंबा बिल मिलता है। जैसा कागज लंबा होता है, वैसा ही राशि भी लंबा मिल रहा है। उसका बिल 4571 रुपए था।
इसी बीच उसे एक नोटिस भी मिला, जिसमें उसे राष्ट्रीय लोक अदालत में अनिवार्य रूप से पेश होकर बिजली बिल के प्रकरण का निपटारा करने के लिए कहा गया।
जैतन राम के परिवार में कुल 4 सदस्य रहते हैं, जिसमें उसकी पत्नी एक बहन एवं एक बच्चा है, जो दिव्यांग है। घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य जैतन राम ही है।
बिजली बिल हाफ के चक्कर में जैतन राम की तरह कई लोग पैसा नहीं पटा पाए और अब उनका बिल इस कदर बढ़ गया है कि लोग पटाने की स्थिति में नहीं है। कोंडागांव जिले के विश्रामपुरी एवं केशकाल ब्लॉक में लगभग 2500 लोगों को इसी तरह का नोटिस मिला है ।
लोक अदालत ऐसे समय में लगाया गया है जब किसान का पूरा परिवार धान कटाई एवं मिसाई में व्यस्त है। यदि इसे एक माह का मोहलत किसानों को दिया जाता तो उन्हें धान के कार्य से फुर्सत तो मिलता ही, साथ ही धान बेचकर पैसे भी मिल जाते तो वे इनका निपटारा कर सकते थे, किंतु इस समय किसानों को लोक अदालत में बुलाया जाना किसी प्रताडऩा से कम नहीं है। जिसे लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है।
एमके शुक्ला कार्यपालन अभियंता विद्युत विभाग कोंडागांव का कहना है कि जिनका पुराना बकाया है, ऐसे लोगों को प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी नोटिस जारी किया गया है। लोक अदालत में पुराना बकाया की राशि के लिए इस तरह की कार्रवाई की जाती है। अभी कितने लोगों को नोटिस जारी किया गया है, यह बता नहीं पाऊंगा।