सुकमा

आरक्षण कटौती के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज का धरना-प्रदर्शन
15-Nov-2022 9:17 PM
आरक्षण कटौती के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज का धरना-प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
सुकमा, 15 नवंबर।
आरक्षण कटौती को लेकर आदिवासी समाज आक्रोशित है। इसी क्रम में आज सर्व आदिवासी समाज द्वारा बंद का आव्हान किया गया, जो काफी सफल रहा। नगर मुख्यालय के छोटे बड़े प्रतिष्ठान  बंद रहे। शहर में सन्नाटा पसरा रहा। लोगों की आवाजाही भी कम रही। 

शहर में सर्व आदिवासी समाज  के कार्यकर्ता व नेता व्यापारी वर्गों से आग्रह कर बंद का समर्थन करने अपील कर चुके थे, जिसका असर शाम तक दिखा।

सर्व आदिवासी समाज का कहना है  कि भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार अनुसूचित जनजातियों को शिक्षा और रोजगार में उनकी जनसंख्या के अनुपात  के अनुसार  आरक्षण की व्यवस्था है।जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजातियों को 32 फीसदी आरक्षण पूर्व में दिया गया था, लेकिन आरक्षण के विरूद्ध छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में दायर याचिका के जवाब में छत्तीसगढ़ राज्य शासन की ओर से ईमानदारी से सही तथ्यों को पेश नहीं किये जाने से अनुसूचित जनजाति समुदाय को भारी नुकसान हुआ है। अनुसूचित जनजाति के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

सर्व आदिवासी सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने बीजेपी व कांग्रेस दोनों सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 4 साल में ही आदिवासी समाज के लिए  सरकार की नीयत साफ नहीं थी। आरक्षण के प्रति ढुलमुल रवैया बनाए रखी, जिससे जनजाति वर्ग का 32 फीसदी आरक्षण समाप्त होने के बाद राज्य सरकार परेशान दिख रही है, हो सकता है यह दिखावटी या बनावटी हो, क्योंकि कोर्ट के आदेश के कुछ ही दिनों बाद राज्य सरकार कम किये गये 12 फीसदी को बांटने का आदेश प्रसारित करती है और कहा जाता है कि न्यायालय के आदेश का पालन मजबूरी है। 

भाजपा जिला अध्यक्ष बारसे धनीराम  ने मांग करते हुए कहा कि 32 फीसदी आरक्षण पुन: सुनिश्चित हों आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए हर सम्भव कोशिश होनी चाहिए। 
समाज सुनियोजित ढंग से आरक्षण पुन: पाकर रहेगा चाहे इसके लिए बड़े से बड़े आंदोलन क्यों न करना पड़े।

जिला पंचायत अध्यक्ष कवाशी हरिश ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम युवा है और हमने जमाने को अपने ढंग से मोड़ा, हमें यकिन है की हमारी सरकार आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने देगी  और हमारे हक हमें लौटाने मे ंहर स्तर पर मदद करेगी और इतिहास गवाह है कि भुमकाल जैसे बड़े बड़े आंदोलन ने दिशाएं बदली है। अपने हक में हम अंत तक पाकर रहेंगे।

इस दौरान मनीष कुंजाम,कवाशी हरिश,बारसे धनीराम,स्वम मुका, दिपिका शोरी, रामा, शोडी,संजय शोडी , आदिवासी समाज के अध्यक्ष,पोज्जा राम मडकाम,हडमा,महेश कुंजाम, मंजू कवाशी, राजेश नाग व अन्य सर्व आदिवासी समाज के कार्यकर्ता गण मौजूद रहे।

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