बालोद
आरक्षण को ले सरकार पर निशाना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 11 दिसम्बर। जिले के अंतिम छोर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 किनारे प्रदेश के वीर सपूत शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत दिवस पर विराट वीर मेले का आयोजन किया जा रहा है, यहां पर राज्यपाल अनुसुइया उईके ने विशाल शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया, साथ ही देवगुड़ी और देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की। धुर्वा नृत्य के माध्यम से राज्यपाल का स्वागत किया गया। आपको बता दें कि यहां बालोद, धमतरी, कांकेर, बस्तर अंचल के आदिवासी समाज के लोग एवं आम जनता पहुंचे थे।
शहीद वीर नारायण से युवा पीढ़ी ले प्रेरणा
राज्यपाल ने विराट वीर मेले के संदर्भ में कहा कि आज के ही दिन प्रदेश और आदिवासी समाज के गौरव शहीद क्रान्ति वीर नारायण सिंह शहीद हुए थे, ये हमारे समाज और प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने समाज हित देश हित में कार्य किए शहीद होकर पूरे समाज को प्रेरणा दी। इसका अनुसरण आज की युवा पीढ़ी को करना चाहिए। उन्होंने कहा, मेरे मन में हमेशा समाज के लिए कुछ करने की बात चलती है और मैं करता हूं।
मैंने लिखा था सीएम को पत्र
इस दौरान राज्यपाल ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जनजातीय आरक्षण के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की बात कही। उन्होंने कहा कि पहले मंैने सीएम को लिखा था पत्र और सत्र बुलाने के लिए मंैने सहयोग की बात कही थी, परंतु सरकार ने जनजातीय के अलावा सभी समाज को आरक्षण का विधेयक भेजा गया है ऐसे में आज मैं हस्ताक्षर करती हूं तो सब कोर्ट में फंस जाएगा। उन्होंने कहा, मैं किसी का अहित नहीं करना चाहती।
समाज को उतरना पड़ा उपचुनाव से
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने वीर मेले के दौरान आयोजित महापंचायत की बात को जनता एवं राज्यपाल के पास रखा। उन्होंने कहा, आज ही के दिन शहीद वीर नारायण सिंह को तोप से उड़ा दिया गया था। उन्होंने कहा, 56 बिंदुओं को लेकर महापंचायत में चर्चा हुई। उन्होंने भानु उपचुनाव को लेकर कहा कि पहली बार समाज चुनाव में उतरा पर क्यों समाज को ऐसा करना पड़ा, उसको सरकार को सोचना चाहिए। राज्य सरकार बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान को भूल गई है।
महामहिम के सामने हल्ला
एक तरफ राज्यपाल वीर मेले में शामिल हुए तो दूसरी तरफ भीड़ से कुछ लोगों द्वारा आरक्षण के विषय को लेकर आरक्षण विधेयक को लटकाने को लेकर सवाल जवाब करते रहे बाद में पुलिस उन लोगों को भीड़ से निकालकर बाहर ले गई।
सरकारें आदिवासियों के साथ क्यों नहीं
आयोजन समिति के अध्यक्ष मानक दरपट्टी ने बताया, यह लगातार 9 वां वर्ष है। पूरे छत्तीसगढ़ आदिवासी समाज के तत्वाधान में यह आयोजन होता है। उन्होंने कहा की यहां भव्य शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। बूढ़ा देव की भी स्थापना हुई, सौंदर्यीकरण भी हुई है, 56 हिंदुओं को लेकर हमने पत्र सौंपा था पर सरकार की तरफ से कोई कड़ा रुख अख्तियार नहीं किया है। पूर्ववर्ती सरकार हो या वर्तमान सरकार यहां पर आदिवासी के हितों के लिए कोई कार्य नहीं किया गया।