बीजापुर
कार्यकर्ताओं संग सडक़ पर दिया धरना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 19 दिसंबर। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बुरजी आदिवासी ग्रामीणों से मिलने जा रहे थे। जिन्हें पुलिस ने बिना पूर्व सूचना के जाने व सुरक्षा का हवाला देकर जिला मुख्यालय से निकलते ही गंगालूर मार्ग पर पुलिस लाइन के सामने बैरिकेट लगाकर रोक लिया। नाराज पूर्व मंत्री गागड़ा अपने कार्यकर्ताओं के साथ वहीं सडक़ पर धरने में बैठ गए।
बीते दिनों बुरजी में आदिवासी ग्रामीणों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट किये जाने का आरोप लगा था।कई आदिवासी ग्रामीण घायल हुए हैं तथा उनका इलाज भी नही करवा पाने की जानकारी पूर्व मंत्री को मिली थी। जिसके बाद पूर्व मंत्री गागड़ा ग्रामीणों से मिलने काफिला के साथ निकले हुए थे।जिला मुख्यालय से निकलते ही पुलिस ने गंगालूर मार्ग पर पहले से ही बैरिकेटिंग कर रखी थी। जहां पूर्व मंत्री के काफिले को रोक लिया गया। रोके जाने से नाराज हुए पूर्व मंत्री वहीं सडक़ पर धरने में बैठ गए।
किसी तरह पुलिस ने उन्हें वहां से उठाकर वापस भेजा। जिसके बाद महेश गागड़ा ने स्थानीय विधायक पर आदिवासियों के साथ दोहरी राजनीति व तानाशाही करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि आदिवासियों के साथ शोषण और दमन विधायक और सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि बुरजी में मारपीट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। वे हमारे आदिवासी भाई हैं। कोई अपराधी या देशद्रोही नहीं हैं। जिनसे मिलने नही दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरोप के बाद हम वहां विपक्ष के नाते तथ्य जानने जाना चाह रहे हैं। लेकिन स्थानीय विधायक कुछ छुपाना चाह रहे हैं इसलिए पुलिस को आगे कर हमें रोका जा रहा है। गागड़ा ने आगे कहा है कांग्रेस सरकार आदिवासियों की आवाज को दमन पूर्वक रोकना चाहती है।