रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 दिसंबर । नेशनल कॉफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी में हलात पूरी तरह सामान्य होने पर ही कश्मीरी पंडि़तों की वापिसी हो सकती है। उन्होंने कहा कि देश में पॉलिटिकल मूवमेंट चल रहा है, उस पर सभी को गौर करना चाहिए। लोगों के दिलों में नफरत नहीं भरना चाहिए। इससे देश का विकास नहीं हो सकता है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला एक विवाह समारोह में शिरकत करने यहां आए थे। उन्होंने कुछ पत्रकारों से चर्चा में राहुल गांधी की यात्रा पर कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब कश्मीर पहुंचेगी, तो उमर अब्दुल्ला उसमें शामिल होंगे। मेरी उम्र का तकाजा है, वरना मैं भी पैदल चलता। देश को जोडऩे के लिए तोडऩे वाली कोशिशों को हराना होगा। भारत जोड़ो यात्रा की भावना से देश जुड़ेगा।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और कश्मीर के आतंकवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि कश्मीर में बाहरी आतंकवाद है और जहां तक मुझे जानकारी है, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद जल, जंगल, जमीन को लेकर है। ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन कुछ बात दोनों में समान है। दोनों जगह जान जा रही है, दोनों जगह लोग दहशत में हैं, दोनों जगह शांति की जरूरत है और दोनों जगह इसका हल सिर्फ बातचीत से हो सकता है।
चीन को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार इससे पीछे हट रही है। संसद में सरकार बहस नहीं कराना चाहती। हम तो सवाल पूछना चाहते हैं।
जम्मू-कश्मीर में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के बनाए कानून पर उन्होंने कहा कि वे हर दिन नए कानून बनाते हैं, किन कानूनों को याद रखें, ये भी मुश्किल हो गया है। कश्मीर चुनाव में महागठबंधन की बात पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि पहले वहां चुनाव तो कराएं, अभी तो इसके आसार भी नहीं दिख रहे।