बलौदा बाजार

ग्रामीणों ने सीमेंट संयंत्रों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाने की शिकायत
05-Jan-2023 6:38 PM
ग्रामीणों ने सीमेंट संयंत्रों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाने की शिकायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 5 जनवरी। जिले में स्थापित प्रमुख सीमेंट संयंत्रों द्वारा वृक्षारोपण के नाम पर कोताही बरतने एवं पर्यावरण को क्षति पहुंचाने की शिकायतें लगातार ग्रामीणों द्वारा की जा रही है इस संबंध में लगातार मीडिया में खबर प्रकाशित के बावजूद शासन प्रशासन द्वारा आंखें मूंद कर बैठे रहने से क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त है वही रायपुर उत्तर के कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा के द्वारा विधानसभा में इस संबंध में प्रश्न उठाए जाने के बाद संयंत्रों द्वारा ग्रीन बेल्ट का पालन नहीं किए जाने के मुद्दे पर वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने संयंत्रों द्वारा आरोपित पौधों का भौतिक सत्यापन कराने का आश्वासन दिया है जिससे क्षेत्र वासियों में एक बार में उम्मीद जागृत हुई है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ ने सदैव मुखर होकर इस मुद्दे को उठाया है परंतु प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से विभिन्न संयंत्रों द्वारा ग्रीन बेल्ट की स्थापना समेत शासन द्वारा वृक्षारोपण के निर्धारित लक्ष्य की अवहेलना किया जाता रहा है।

वृक्षारोपण में बरती जा रही कोताही

जिला में स्थापित सीमेंट संयंत्रों को पर्यावरण संरक्षण हेतु शासन प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष खदान संयंत्र व कॉलोनी परिसर हेतु वृक्षारोपण का लक्ष्य दिया जाता है परंतु इस दिशा में मानिटरिंग के अभाव में संयंत्रों द्वारा वृक्षारोपण के कार्य में जमकर कोताही बरती जा रही है यह संयंत्र वृक्षारोपण केवल खदान के क्षेत्र को आम लोगों की नजरों से छिपाने एवं अपने कॉलोनी के पर्यावरण के संरक्षण हेतु ही करते हुए अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं जिसके चलते आसपास के ग्रामीणों में वायु प्रदूषण बढऩे से ग्रामीणों को जटिल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है प्रत्येक सीमेंट संयंत्रों एवं बड़ी औद्योगिक इकाइयों को स्थापना के समय से ही शासन प्रशासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया जाता है कि अनुबंध की शर्तें में उल्लेख भी रहता है कि प्रत्येक संयंत्र को कुल प्रोजेक्ट एरिया के 33 फ़ीसदी हिस्से को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करना होगा।

यही नहीं प्रोजेक्ट एरिया की परिधि में 10 मीटर चौड़ा ग्रीन बेल्ट भी प्रोजेक्ट साइड के अलावा रोड साइड में विकसित करना होता है इस हेतु शासन द्वारा निर्धारित बड़े वृक्ष वन मंडल अधिकारी व स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर रोपित करने का प्रावधान है। इन प्रावधानों के पालन में संयंत्र फिसड्डी साबित हो रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीमेंट संयंत्र द्वारा अपनी स्थापना काल से वर्ष 2018 तक ही करीब 25 लाख वृक्षों का रोपण किया गया है। परंतु प्रशासन ने इसके आंकड़ों के विरुद्ध रोपित वृक्षों का भौतिक सत्यापन की दिशा में कभी भी गंभीरता नहीं दिखाया यदि संयंत्रों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो स्थिति आईने की तरह साफ हो जाएगी।

खदानों को छिपाने वृक्षारोपण का सहारा

संयंत्र यदि वृक्षारोपण के प्रति कहीं गंभीर दिखाई देता है तो अपने खदान क्षेत्र में यहां सडक़ के किनारे तक पहुंच चुके एवं कुछ ग्रामों की सीमा तक पहुंच चुके खदानों के किनारे इतना सघन रोपण किया गया है।

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