बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 4 फरवरी। बलौदाबाजार लटुवा ग्राम पंचायत लटुवा से लगे सोनबरसा जंगल में हिरणों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
48 घंटे के भीतर दो हिरणों की मौत हो चुकी है लेकिन विभागीय कर्मचारी है कि हिरणों की मौत से लगातार इंकर कर रहे हैं।
महज 20 दिनों के अंदर लटुवा इलाके से लगे खेतों में और गांव में 6 से अधिक हिरणों की मौत कुत्तों के द्वारा शिकार करने के चलते हुई है लेकिन विभागीय अधिकारी और कर्मचारी हैं कि इन जंगली जीव जंतु की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने के बजाए इस बात को छुपाते फिर रहे हैं कि इसके चलते वन्यजीव प्रेमियों ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से भारी आक्रोश व्याप्त है।
विभाग द्वारा जंगल को चारों तरफ से पत्थर की दीवार और लोहे की जाली से गिरकर सुरक्षित रखने के दावे किए जाते हैं बावजूद इसके महज 48 घंटे के भीतर ही 2 हिरणों की मौत गुरुवार और शुक्रवार की रात हुई हिरणों का शव वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा वन विभाग की नर्सरी के पास लगे खेतों में ग्रामीणों की जानकारी के बाद मिली ये सिर्फ उन हिरणों की बात हो रही है जो लटुवा के आसपास के क्षेत्र के हैं बाकी जंगल के पूरे हिस्से में और भी हिरणों की मौत होती होगी इसको विभाग द्वारा दबा दिया जाता है।
वहीं विभाग के भरत साहू से फोन पर जानकारी मांगने पर उनके द्वारा किसी भी हिरण की मौत से इंकार कर दिया गया जिस पर ग्राम लटुवा के पंचायत प्रतिनिधियों का यह सवाल है कि यह सब विभागीय अधिकारियों की जानकारी में है यह उनके अंधेरे में रखा जा रहा है हिरणों का पोस्टमार्टम किया जाता है या फिर उनकी आंखों को निकाल कर भेज दिया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि या विभागीय अधिकारी कर्मचारी रात्रि गश्त नहीं कर सकते जंगली जीवों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो तनख्वाह किस बात का ले रहे हैं।