बालोद
एक सैंपल भेजा गया पुणे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 9 फरवरी। बालोद जिले के दल्ली राजहरा नगर पालिका के तिवारी पोल्ट्री फार्म में एक साथ डाले गए 3 हजार 700 मुर्गियों के मौत के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। बुधवार की देर शाम तक बालोद पशुपालन विभाग को मुर्गियों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त हुए।
दरअसल, विभाग द्वारा सैंपल रायपुर भेजा गया था जहां से रायपुर से रिपोर्ट आया है और बर्ड फ्लू जैसी कोई बीमारी नहीं बल्कि यह रानीखेत बीमारी बताई जा रही है, जिसे रानीखेत नाम दिया गया है। यह मुर्गियों में पाई जाने वाली एक बीमारी है।
पशुपालन विभाग ने उपसंचालक ने बताया कि यहां जो रोग पाया गया है उसे वैज्ञानिक भाषा में न्यूकैस्टल डिसेज कहा जाता है। अलग-अलग देशों में इसका अलग-अलग नाम है और बेहतर रिपोर्ट के लिए पुणे महाराष्ट्र भी सैंपल भेजा गया है।
विषाणुजन रोग
डॉ. सिहारे ने आगे बताया कि रानीखेत रोग एक विषाणुजन्य रोग हैं जो घरेलू पक्षियों (जैसे मुर्गी) तथा अनेकों जंगली पक्षी प्रजातियों को प्रभावित करती है। दो तीन दिन में ही पक्षी बहुत कमजोर हो जाते है इसमें मृत्यु दर भी अधिक होती है। शायद यहीं कारण है कि एक साथ इतने पक्षियों की मृत्यु हुई है। यह रोग सूक्ष्म रोगाणु द्वारा बहुत तेजी से संक्रमित है। संक्रमण का नियंत्रण तथा उपचार समय रहते न होने से रोग महामारी की तरह फैल जाता हैं। इससे मुर्गी पालको को अपार क्षति होती है।
लक्षण दिखने पर अलग रखने के निर्देश
पशुपालन विभाग से जो यहां एडवाइजरी मिली है उसको लेकर के अब इसे अमल में लाया जाएगा, लक्षण दिखने वाले मुर्गियों को अलग रखने के निर्देश दिए गई हैं। वहीं, बीमार शेड में जाने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य शेड में नहीं जाना है इसके साथ ही यहां पर पानी निकासी की व्यवस्था और साफ सफाई रखने की बात कही गई है। जिस पोल्ट्री फार्म में यह घटना घटी है वहां पर संभाग स्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम काम करेगी।
पुणे भी भेजा सैंपल
फिलहाल यहां पर रानीखेत बीमारी होने की बात प्रथम दृष्टया सामने आई है और मोक्युकूलर रिपोर्ट के लिए पुणे महाराष्ट्र भी सैंपल भेजा गया है। वास्तविक रिपोर्ट वहीं से आने के बाद ही पता लग पाएगा लेकिन बालोद के लिए राहत की बात है कि वहां फिलहाल बर्ड फ्लू जैसी बात सामने नहीं आई है।