बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 10 फरवरी। सूदखोरी से तंग आकर एक बुक डिपो संचालक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फांसी से पहले उसने वीडियो बनाकर बताया है कि वह एक सूदखोर की प्रताडऩा से तंग आकर अपनी जान दे रहा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
सरकंडा इलाके के सोनगंगा कॉलोनी में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहने वाले मूलत: बिहार के सुमित शर्मा की सीएमडी कॉलेज के पास बुक डिपो है। कोविड-19 के दौरान उन्हें दुकान बंद करनी पड़ी। व्यवसाय दोबारा शुरू करने के लिए उसने आरोपी कृष्णा राठौर से कर्ज लिया था। सुमित की पत्नी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मोपका शाखा में नौकरी करती हैं। सन् 2015 में दोनों की शादी हुई थी और उनसे एक 4 साल की बेटी भी है। गुरुवार को उसने अपनी पत्नी से ऑफिस जाते समय जल्दी लौट आने के लिए कहा था। पत्नी अपनी बेटी को नर्सरी में छोडक़र गई थी। पत्नी ने घर पहुंच कर देखा तो पाया कि सुमित फांसी के फंदे पर लटका हुआ है। उसने तुरंत सुमित के पिता लल्लन शर्मा को फोन किया। वे उसे फंदे से उतारकर अपोलो अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सरकंडा पुलिस ने सुमित का मोबाइल फोन चेक किया तो उसने पाया कि एक वीडियो उसने बनाया है जो पत्नी के नाम पर संबोधित है। इसमें उसने कहा है कि रामा ग्रीन सिटी में रहने वाले कृष्णा राठौर से परेशान हो गया हूं। उसने मुझे बर्बाद कर दिया है, मेरी कार रख ली है। मैंने अपने घर में झूठ कहा है कि गाड़ी सर्विसिंग के लिए दी है। सुसाइड कर रहा हूं। सारी जिम्मेदारी कृष्णा राठौर की है। उसे फांसी होनी चाहिए। उसका पूरा कर्ज उतार चुका हूं फिर भी तीन लाख रुपए और मांग रहा है गाड़ी अपने नाम कराना चाहता है। मेरी तरह उसके भी छोटे-छोटे बच्चे हैं। कीड़े लगेंगे और वह सडक़ पर मरेगा। पापा, बाबू का ख्याल रखना। अपना साथ बस यहीं तक था। तुम्हारे साथ अच्छा लगा, लाइफ का मजा आया। तुम स्ट्रॉन्ग हो। आई लव यू।
वीडियो के आधार पर पुलिस ने पड़ताल की तो मालूम हुआ कि आरोपी कृष्णा राठौर ने मृतक को ब्याज में पैसा दिया था। ब्याज सहित रकम चुकाने के बाद भी वह सूद की राशि बढ़ाता जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि बीते सितंबर महीने में बिलासपुर के ही सकरी के व्यापारी इंजीनियर ऋषभ निगम ने सूदखोरी से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में घटना के 4 माह बाद एक पार्षद, एक सरपंच और एक व्यापारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में भी मृतक ने कोविड-19 के समय आरोपियों से 4 लाख रुपए ब्याज में लिए थे।
कोविड काल के बाद सूदखोरी से त्रस्त होकर आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ी है। सूदखोरों के खिलाफ पूर्व में जिले में अभियान चलाया गया था लेकिन इस समय बंद है।