कांकेर

आए थे देश का भ्रष्टाचार बताने, लेकिन उलझ गए जिले के भ्रष्टाचार में
31-Mar-2023 10:36 PM
आए थे देश का भ्रष्टाचार बताने, लेकिन उलझ गए जिले के भ्रष्टाचार में

पत्रकारों को आवेदक बनने कहा तो किया कांफ्रेंं स का बहिष्कार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर,  31 मार्च।
प्रभारी मंत्री आई थी देश का भ्रष्टाचार बताने, लेकिन उलझ गईं जिले के भ्रष्टाचार की बातों में। सवाल का जवाब नहीं दे पाई तो वे पत्रकारों को ही आवेदक बन कर लिखित शिकायत देने की सलाह दे दी। प्रभारी मंत्री के इस व्यवहार से नाराज पत्रकार कांफ्रें स हॉल से निकल गए। कांगे्रस नेताओं के मानमनौव्वल के बाद भी वे वापस नहीं लौटे।  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने के विरोध में प्रदेश के सभी जिलों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के  निर्देशानुसार प्रेस कांफ्रेंं स के आयोजन के तहत  कांकेर जिले की प्रभारी मंत्री अनिला भेडिय़ा ने कांकेर में पत्रकारों को संबोधित किया। सर्किट हॉल में शुक्रवार को आयोजित कांफ्रेंस में उन्होंने कहा  कि  सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आमआदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना गुनाह हो गया है। देश के सबसे बड़े विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और चार-चार बार सांसद रह चुके राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं दिया जाता है। 

श्रीमती भेडिय़ा ने आगे कहा कि घोटालेबाज अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गठबंधन है। अडानी की कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपए कहां से आया?, अडानी मोदी का क्या रिस्ता है। ये सवाल का जवाब क्यों नहीं दिया जाता। संसद के अंदर उन्हें क्यों नहीं बोलने नहीं दिया जाता। उनका माइक बंद कर दिया जाता है। कांग्रेस , राहुल गांधी और विपक्ष की आवाज को  दबा दिया जाता है। कांफ्रेस में देश में फैले भ्रष्टाचार, अडानी के रिश्ते , आदि को लेकर आवाज उठाने के कारण हताश हो चुकी केंद्र की मोदी सरकार ने राहुल गंाधी को निषाना बनाया है और साजिष के तहत उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई है।  

देश का भ्रष्टाचार गिनाते हुए प्रभारी मंत्री को जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनियमितताएं और अन्य शिकायतों की ओर पत्रकारों ने ध्यानाकार्षित किया तो वे कुछ देर तो चुप्पी साध गईं।

प्रभारी मंत्री ने जब साफ -साफ कहने की बात कही तो उन्हें उदाहरण के तौर पर कुछ तथ्यात्मक पहलुओं से अवगत कराया गया। उन्हें बताया गया कि लोकनिर्माण, आरईएस, जल संसाधन और अन्य निर्माण विभागों में निर्माण की जानकारी संबधित सूचना बोर्ड नहीं लगाने, घटिया और गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्रियों का उपयोग में लाने आदि की जानकारी दी गई। पीएचई विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का सबूत भी दिखाया गया। जिला अस्पताल में टूटे व्हीलचेयर में वृद्ध मरीज के गिरने की बात को सप्रमाण बताया गया। अधिकतर विभागों में अधिकारियों के पद खाली रहने व केवल प्रभारियों के भरोसे रहने की बात से अवगत कराया गया। समाचार पत्रों में छपे तथ्य को भी उन्हें अवगत कराया गया। 

जिले की हालात को प्रमाणिक तथ्य से अवगत कराने के बाद किसी कार्रवाई के आश्वासन के बजाय पत्रकारों को ही आवेदक बनकर लिखित शिकायत देने की बात कही। मंत्री के इस व्यवहार से पत्रकारों ने कांफं्रेस हॉल से निकल गए।  

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