बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 9 अप्रैल। जिले के अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट रवान में कामगारों को जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने का मामला सामने आया है।
कामगारों का आरोप है कि अन्य संयंत्रों में स्थानांतरित करने की धमकी देकर 70 लोगों को जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्त आवेदन पर हस्ताक्षर लिए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार के श्रम कानून की अवहेलना करते हुए 60 की जगह 57 या 58 वर्ष में सेवानिवृत्त दी जा रही है।
80 के दशक में जिले के रवान गांव में मोदी सीमेंट का इकलौता प्लांट लगा था जो आज अदानी सीमेंट के नाम से पूरे देश में कई संयंत्रों के ग्रुप में तब्दील हो चुका है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर प्लांट से निकले गए एक कामगार ने बताया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत स्थानीय कामगारों को ही नौकरी से निकाला जा रहा है। इसके चलते आज की स्थिति में उनकी संख्या घटती जा रही है। इस प्लांट को स्थापित करने हेतु प्रबंधन द्वारा इस वचन के साथ जमीन खरीदी की गई थी कि परिवार के किसी एक सदस्य को सदैव प्लांट में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
इस संबंध में जब यूनिट हेड महावीर बोलिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस विषय पर अनभिज्ञता जाहिर की।
सीमेंट प्लांट रवान में 50 फीसदी श्रमिकों को हटाने की तैयारी
इस प्लांट में तीन दशक से लगभग 150 के आसपास श्रमिक स्थाई रूप से कार्यरत है। सूत्रों की मानें तो वर्तमान प्रबंधन को 50त्न श्रमिकों को स्वैच्छिक सेवा निर्मित दिलाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। आवेदन भरवाने के बाद श्रमिकों को नोड्यूज (आदेयता प्रमाण पत्र) आनन-फानन में बनवा कर दिया जा रहा है।
कंपनी के एचआर हेड अंतर्यामी शामल का कहना है कि हम किसी को भी जबरन वीआरएस नहीं दे रहे हैं। यदि प्रबंधन के अन्य संयंत्रों में जरूरत है तो लोगों का स्थानांतरण भी किया जा सकता है अभी तक किसी को भी अन्य संयंत्रों में नहीं भेजा गया है, 30 अप्रैल तक ही यह जानकारी दे पाएंगे कि कितने श्रमिकों को सेवानिवृत्त किया जा रहा है।