बलौदा बाजार

माध्यमिक विद्यालय की परीक्षाएं शुरू होने वाली है, शिक्षकों की ड्यूटी सामाजिक आर्थिक सर्वे, परीक्षा प्रभावित होने की संभावना
09-Apr-2023 3:37 PM
माध्यमिक विद्यालय की परीक्षाएं शुरू होने वाली है, शिक्षकों की ड्यूटी सामाजिक आर्थिक सर्वे, परीक्षा प्रभावित होने की संभावना

सामाजिक आर्थिक सर्वे के लिए प्रत्येक ब्लॉक से औसत 300 शिक्षकों की ड्यूटी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 9 अप्रैल। 
प्रदेश सरकार के ऐलान के बाद जिले में 1 अप्रैल से सामाजिक आर्थिक सर्वे किया जा रहा है। सामाजिक आर्थिक सर्वे के लिए प्रत्येक ब्लॉक से औसत 300 शिक्षकों की ड्यूटी प्रगणक के रूप में लगाई गई है। अब समस्या यह है कि 10 अप्रैल से प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय की परीक्षाएं शुरू होने वाली है, इस बीच शिक्षकों की ड्यूटी सर्वे में लगाए जाने से परीक्षा कार्य प्रभावित होगा।

 जानकारी के मुताबिक सामाजिक आर्थिक सर्वे में बलौदाबाजार जिले के कुल 3500 सहायक शिक्षकों में से लगभग 1500 सहायक शिक्षकों की ड्यूटी प्रगणक के रूप में लगाई गई है इसके चलते जिले के सभी स्कूलों में परीक्षा कार्य प्रभावित होने की संभावना है। सर्वे कार्य 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया जाना है। वही 10 अप्रैल से प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में परीक्षा आयोजित की गई है। इसके बाद 30 अप्रैल तक पेपर जांच कर नतीजे भी देना है। शिक्षक 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सर्वे कार्य में व्यस्त रहेंगे। जब शिक्षक 30 अप्रैल तक स्कूल ही नहीं जाएंगे तो बच्चों की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने व नतीजों में देरी होगी। इस बीच नाम ना छापने की शर्तें पर शिक्षकों ने कहा कि हम बाबू बन गए हैं पढऩे के अलावा अन्य काम भी हमें करने पाते हैं।

दूसरे काम करते रहेंगे तो शिक्षा का स्तर बनाए रखना मुश्किल होगा
कोरोना काल के बाद पढ़ाई को फिर से पुराने ढर्रे पर लाने की लगातार कोशिश जारी है शिक्षकों के लिए अपनी कक्षाओं के बच्चों का परीक्षाओं में प्रदर्शन अच्छा कैसे हो यह उनके लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसे में उन्हें सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण में भेजा दिया गया है जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव का कहना है कि सहायक शिक्षकों की ड्यूटी शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कामों पर लगाए जाने से शैक्षणिक कार्य या परीक्षा कार्य प्रभावित होता है मगर हम समय-समय पर अन्य वैकल्पिक इंतजाम कर इनकी भरपाई कर लेते हैं। मगर शिक्षकों का कहना है कि हमें छात्रवृत्ति एंट्री, जाति निवास एंट्री, मध्यान भोजन की ऑनलाइन जानकारी, सूखा राशन वितरण, गणवेश वितरण, पुस्तक वितरण, साइकिल वितरण, बच्चों की स्थापना की जानकारी, आधार कार्ड की जानकारी, बैंक डिटेल की जानकारी, शाला यू डाइस डेटा सहित अनगिनत ऑनलाइन कार्य करने पड़ते हैं अब यह सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण का काम ऐसे में शिक्षा का स्तर बनाए रखना हमारे लिए बहुत मुश्किल हो रहा है।

सामाजिक आर्थिक सर्वे की जानकारी है में की जाएगी दर्ज
सर्वे के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में जाकर प्रगणक द्वारा जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसका ऐप के माध्यम से ऑनलाइन एंट्री करना होगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों के लिए प्रगणक दल का गठन किया गया है। इसी तरह सुपरवाइजर की नियुक्ति करते हुए जिला स्तर और जनपद पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी व सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। बताया गया कि प्रत्येक गांव में शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है जिसके कारण हर स्कूल इससे प्रभावित है।

बच्चों का लर्निंग लेवल पहले ही गिरा हुआ है अक्षर ज्ञान भूले
पहले कोरोनाकाल फिर वेतन विसंगतियों को लेकर शिक्षकों की हड़ताल से बच्चों के लर्निंग लेवल की स्थिति यह हो गई है कि कक्षा तीसरी के बच्चे को भी पहली कक्षा की तरह वरमाला सिखानी पड़ रही है तीसरी के बच्चों को 10 तक पहाड़ा आना चाहिए लेकिन नहीं आ रहा है। अक्षरों को जोडक़र शब्द बनाने आने चाहिए शब्दों को वाक्य बनाना रहता है। चूकि वे अ, ब, स जैसा अक्षर ज्ञान भी भूल गए हैं अब उन्हें पाठ और लेशन पढऩे में शिक्षकों की काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

शिक्षक बन गए बाबू
शिक्षक का मूल काम बच्चों को पढ़ाना होता है लेकिन शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा अन्य कार्य भी करने पड़ते हैं। संकुलो की संख्या बढऩे से विभागीय कामों में भी वृद्धि हो गई है।
शिक्षक नरोत्तम बघेल, सीमा वर्मा, नोमिन चंद्राकर ने कहा-हम से अचानक कोई भी ऑनलाइन हुआ ऑफलाइन जानकारी मांग ली जाती है। कार्यवाही के डर से पढऩा छोड़ जानकारी देने में जुड़ जाते हैं इस तरह शिक्षा कम बाबू ज्यादा बन गए हैं।
 

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