बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 अप्रैल। नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत शासन के लाखों रुपए लेकर बनाई गई महत्वपूर्ण योजनाओं को जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति की कमी व लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते लगातार ग्रहण लगता जा रहा है। योजनाओं के तहत निर्माण कार्य को संपन्न हो रहे हैं, परंतु इनके आवंटन का कार्य वर्षों से लंबित है। केवल बड़ी योजनाओं और उनकी नीलामी में ही रुचि दिखाई जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण पुरानी कृषि उत्पादन मंडी समिति के समीप निर्मित किया गया चबूतरा है। इसके आवंटन की प्रक्रिया नहीं होने के चलते आज भी सब्जी विक्रेता मार्ग के दोनों ओर सब्जी की दुकान लगाने मजबूर हैं।
विदित हो पूर्व में दीनदयाल सब्जी बाजार पुरानी नगरपालिका के समीप लगता था। नगर की जनसंख्या बढऩे व बाजार में खरीदारों की संख्या को देखते हुए करीब 15 वर्ष पूर्व नगरपालिका द्वारा 60 लाख रूपए की लागत से 35 से 40 शब्दों का निर्माण कार्य कराने कृषि उत्पादन मंडी भवन के सामने कराया गया था। लोगों की बार-बार मांग के बावजूद चबूतरे का विधिवत आवंटन नहीं किए जाने की वजह से अधिकारी दकानों को अपनी दुकानें के लिए व्यापार विहार के पीछे स्थित सडक़ के दोनों ओर लगाना पड़ता है।
वहीं आवंटन नहीं किया जाने का फायदा उठाते हुए कुछ लोगों द्वारा इन चबूतरों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। शाम होते ही इन चित्रों में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है। कुछ लोगों द्वारा यहां पर अवैध मदिरा विक्रय का कारोबार भी धड़ल्ले से किया जाता है। इस व्यवस्था से अवगत होने के बावजूद पूर्व एवं वर्तमान नगर पालिका के प्रतिनिधियों व पालिका प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है। इसके चलते निर्मित चबूतरे भी जर्जर होते जा रहे हैं। यदि इन चित्रों का नियमानुसार आवंटन पालिका द्वारा किया जाता तो आर्थिक तंगी से जूझ रहे पालिका को यहां से कुछ राज उत्सव की प्राप्ति हो जाती थी।
केडिया व्यापार विहार के पीछे सडक़ किनारे अपनी सब्जी दुकान लगाने एवं गांव से पहुंचने वाले ग्रामीण कुछ रंगदारो द्वारा दुकान लगाने के एवज में प्रतिदिन राशि वसूलने का कार्य किया जा रहा है। बाहर से आने वाले ग्रामीण है बस इस कृत्य का विरोध करने से कतराते हैं। रंगदारी नहीं होने वाले सब्जी विक्रेताओं के साथ रंगदारों द्वारा बेखौफ मारपीट भी किया जाता है। वहीं अंदर निर्मित चबूतरा व बाजार स्टाल पूरा खाली पड़ा रहता है जबकि दुकानदार सडक़ों पर बैठे रहते हैं इसके चलते यहां अक्सर यातायात की समस्या भी उत्पन्न होती है।
मावली माता प्रवेश मार्ग के विपरीत दिशा में जाने वाला सब्जी मंडी मार्ग के दोनों और दुकानदारों द्वारा अपने सामान निकाल कर रख दिए जाते हैं। इसके अलावा चलित ठेले में दुकान लगाने वाले लोगों द्वारा सडक़ के बीचों-बीच व्यापार किया जाता है। लोगों के आवागमन के दौरान इस वजह से विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है। नगरवासियों ने नगर पालिका प्रशासन द्वारा प्रतिनिधियों से पुराने निर्माण कार्य के आवंटन हेतु पहल करने एवं सुव्यवस्थित सब्जी बाजार प्रारंभ किए जाने की मांग किया है।