बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 11 अप्रैल। राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक बूढातालाब मे बूढ़ादेव की कांसे से निर्मित प्रतिमा के निर्माण के आम लोग कांसादान अर्पण कार्यक्रम मे भारी भीड उत्साह के साथ जुटी। पूरे छत्तीसगढ प्रदेश के प्रत्येक जिले से लोग देर शाम तक कार्यक्रम स्थल आउटडोर स्टेडियम पहुचते रहे, लोगों ने बडी श्रध्दा के साथ अपने अपने घरों से लाये कांसा, पीतल, तांबा के बर्तनों का दान किया। कुछ लोगों ने चांदी और सोना भी दान किया।
छत्तीसगढिय़ा कान्ति सेना ने बूढ़ादेव की स्थापना व निर्माण के लिये राज्य के प्रत्येक जिले मे रथो के माध्यम से गाँव-गाँव जाकर लोगों से दान में कांसा पीतल तांबा के बर्तनों को दान के रूप में संग्रहण का अभियान 25 फरवरी से शुरुआत कर 08 अप्रैल को दूसरे चरण का समापन किया गया। छत्तीसगढिय़ा क्रान्ति सेना के सेनानियों द्वारा इन दिनों में पूरे प्रदेश से लगभग 40 टन धातुओं का संग्रहण किया।
दान में मिले इन बर्तनों को कार्यक्रम स्थल पर ढेर लगाकर प्रदर्शित किया गया। तत्पश्चात विधी विधान से पूजा कर इन बर्तनों को बूढ़ातालाब के बीच स्थापित देवठाना में समर्पित कर मूर्तिकार को निर्माण हेतु कांसा दिया गया। बस्तर से आए बैगा, पुजारी गायता ने पूरा कार्यक्रम आदिवासी परंपरा व रीति से सम्पन कराया।
इस कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से आदिवासियों के साथ सर्व छत्तीसगढिय़ा समाज के लोगों ने बढ़चढ़ भाग लिया, और कुलदेव, पुरखा देव के मूर्ति के लिये दान भी दिया। बहुत से लोग जो अब तक बूढ़ादेव को केवल गोंड समाज तक सीमित करते रहे आज इस कार्यक्रम मे सभी लोगो की बराबर सहभागिता ने इस भ्रम को मिटा दिया।
बस्तर व सरगुजा के सूदूर वनांचलो के लोगो के साथ मैदानी भाग के राजनांदगांव से रायगढ़, कवर्धा से बसना सरायपाली देवभोग के लोगों इस आयोजन में अपने दान लेकर पहुंचे थे, महिलाओं ने भी भारी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। बलौदाबाजार जिले के सभी 5 ब्लाक के लोग अच्छी संख्या में यहां पहुचे थे, सिमगा व भाटापारा ब्लाक के गांवों में इस आयोजन के लिये भारी उत्साह देखने को मिला। तिल्दा रोड स्थित किरण पेट्रोल पंम्प में लोग इकठ्ठा होकर काफिला के रूप मे रायपुर के लिये निकलते रहे।