कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 8 मई। नाबालिग की लज्जा भंग करने के आशय से छेड़छाड़ कर आपराधिक बल प्रयोग के आरोपी को तीन वर्ष कैद एवं अर्थदण्ड की सजा कोर्ट ने सुनाई है।
प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि आरोपी मुकेश कुमार के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 457,354 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8 के अंतर्गत आरोप है कि उसने 29 नवंबर 2021 को रात्रि करीब 10 बजे प्रार्थी के मकान, थाना केशकाल, जिला कोण्डागांव क्षेत्रान्तर्गत में नाबालिग पीडि़ता के घर में जबरदस्ती घुसकर छेड़छाड़ कर आपराधिक बल का प्रयोग किया एवं रेप करने ेकी कोशिश की।
दूसरे दिन सुबह उसने अपने माता-पिता को घटना के बारे में बताया, तब पीडि़ता के पिता/ प्रार्थी के द्वारा थाना केशकाल में आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया। थाना केशकाल में आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण कि संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो), कोण्डागंाव के न्यायाधीश कमलेश कुमार जुर्री ने प्रकरण का विचारण कर प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 457 भां.दं.सं. में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रू. के अर्थदण्ड, धारा 354 भादवि में 03 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 500 रू. के अर्थदण्ड, धारा एवं धारा 8 लैंगिंग अपराधों का सरंक्षण अधिनियम 2012 के तहत 03 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 500/- रूपये के अर्थदंड ,अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने के व्यतिक्रम पर क्रमश: 01-01 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतने का आदेश पारित किया गया है।