रायगढ़

पीएससी भर्ती पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सीएम कब करेंगे जांच- ओपी
27-Sep-2023 4:50 PM
पीएससी भर्ती पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सीएम कब करेंगे जांच- ओपी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 सितम्बर।
हाईकोर्ट द्वारा पीएससी की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए 13 नियुक्तियों पर रोक लगाए जाने के बाद प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने सूबे के मुखिया भूपेश बघेल से पूछा तथ्य मिलने पर जांच की बात कहने वाले अब कौन क्यों है? तथ्य मिलने के बाद जांच की बजाय भूपेश सरकार का मौन संदेहों को जन्म दे रहा है।

भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा बतौर विपक्ष 2021 छत्तीसगढ़ पीएससी परिणाम में घोटाले संबंधी जानकारी सामने लाती रही स विपक्ष धर्म का पूरी शिद्दत से निर्वहन करते हुए भाजपा ने बकायदा पीएससी से जुड़े चेयरमैन एवं कांग्रेस से जुड़े संगे सबंधियो नाते रिश्तेदारों के नाम भी उजागर करते हुए तथ्य भी रखे लेकिन भूपेश सरकार जांच की बजाय भर्ती स्कैम में शामिल रही। 

श्री चौधरी ने कहा लाखों रुपयों की रिश्वत देकर अयोग्य लोग संवैधानिक पदों पर आयेगे तो भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलेगा और आम छत्तीस गढिय़ा के अपने चकनाचूर होंगे। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने चहेतों का चयन अलगदृअलग पदो पर करवाया है। छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ धोखाधडी की गई है। पिछले महीने पीएससी के जारी परिणामों में 15 ऐसे लोग चयनित हुए जिनका संबंध किसी न किसी रूप में कांग्रेस के नेताओं से एवम पीएससी के वर्तमान चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी से जुड़ा हुआ है। भाजपा की ओर से उनके द्वारा यह मामला उठाए जाने पर कांग्रेस ने राजनीति करने का आरोप लगाए हुए सबूत मांगे। हाई कोर्ट की टिप्पणी को सबसे बड़ा सबूत बताते हुए ओपी ने कहा मुख्यमंत्री को इस मामले में जांच की घोषणा करनी चाहिए अन्यथा जनता यह माना लेगी कि सरकार की सरपरस्ती में घोटाले को अंजाम दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से भाजपा नेता ने कहा,  टामन सिंह सोनवानी के परिवार से एक दो नहीं बल्कि पांच पांच लोगो की नियुक्ति  पीएससी में की गई है। टामन सिंह के बेटे नितेश और बहु निशा की नियुक्ति डिप्टी कलेक्टर के पद में हुई, बड़े भाई के बेटे साहिल की डीएसपी, भाई की बहू दीपा की आबकारी अधिकारी और बहन की बेटी सुनीता की श्रम अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिली है। सभी अभ्यर्थियों के नाम के आगे का उपनाम अर्थात सरनेम जानबूझ कर छुपाया गया ताकि भेद न खुल सके। डिप्टी कलेक्टर के पद में 13 और नियुक्तियां हुई को शक के दायरे में है। राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो के बेटे बेटी नेहा खलखो और निखिल खलखो का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद में हुआ। कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की बेटी प्रज्ञा नायक, प्रखर नायक, कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू की बेटी खुशबू बिजोरी, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार के दामाद शशांक गोयल, बहु भूमिका कटियार, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला इन सब के नाम पीएससी की सूची में शामिल है। मामले की संज्ञान में आते ही माननीय हाई कोर्ट में सभी की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। 

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