कोण्डागांव
कोंडागाव, 10 अक्टूबर। जिला न्यायालय परिसर में नालसा (आदिवासी अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन) योजना 2015 के संबंध विधिक साक्षरता-जागरूकता शिविर आयोजित की गई।
उत्तरा कुमार कश्यप, जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोण्डागांव/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के मार्गदर्शन में 8 अक्टूबर को कमलेश कुमार जुर्री अपर सत्र न्यायाधीश एफ.टी.एस.सी. पॉक्सो कोण्डागांव के द्वारा जिला न्यायालय परिसर में विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का आयोजन कर नालसा (आदिवासी अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन) योजना 2015 के तहत आदिवासियों के लिए बने कानूनी अधिकार अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 (एफआरए), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनस्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013, पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार अधिनियम 1996, के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अनुसूचित जनजाति सदस्यों से किसी संबंध में विधिक सलाह या सहायता की लेना चाहते है तो उनको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सलाह सहायता प्रदाय करने के संबंध में जानकारी दी गई। क्योंकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक कमजोरी के कारण न्याय पाने से वंचित नहीं हो सके। इस अवसर पर यशोदा नाग मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोण्डागांव, अम्बा शाह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव एवं न्यायिक कर्मचारीगण व विभिन्न गांवों से आए हुए ग्रामीण उपस्थित थे।