बलौदा बाजार

मरदा हाईस्कूल तीन जनभागीदारी शिक्षकों के भरोसे
16-Oct-2023 6:52 PM
मरदा हाईस्कूल तीन जनभागीदारी शिक्षकों के भरोसे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 16 अक्टूबर। ग्राम पंचायत मरदा के शासकीय हाई स्कूल में एक भी नियमित शिक्षक नहीं है, 3 जनभागीदारी शिक्षकों व एक मिडिल स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल के भरोसे स्कूल संचालित हो रही है। रेगुलर शिक्षक नहीं होने के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत मरदा के हाई स्कूल में 2018-19 एवं इसके पहले विद्यार्थियों की दर्ज संख्या 300 से अधिक हुआ करती थी, लेकिन 2018-19 में इसी हाई स्कूल के 7 शिक्षकों के खिलाफ छात्राओं से छेड़छाड़ के संबंध में आरोप लगे थे। उक्त आरोप के आधार पर इन 7 शिक्षकों के खिलाफ थाना में रिपोर्ट दर्ज गांव वालों के द्वारा कराया गया था, जिस पर कार्रवाई भी हुई थी। जिसके बाद इन सभी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था।

सात शिक्षकों को निलंबित करने के बाद केवल शिल्पी बनर्जी की नियुक्ति हुई थी, जो सितम्बर 2023 में प्रतिनियुक्ति में चली गई। इससे पहले एक शिक्षिका दुर्गेश्वरी बघेल व फुलचंद टोप्पो रेगुलर शिक्षक के तौर पर पहले से ही पदस्थ थे। जिनमें से दुर्गेश्वरी बघेल डीएड-बीएड की प्रशिक्षण में चली गई। दूसरा शिक्षक फुलचंद टोप्पो ने अपना ट्रांसफर करा लिया।

वर्तमान में हाईस्कूल मरदा में 9वीं में 41, 10वीं में 39, 11वीं में साइंस एवं आट्र्स के मिलाकर छात्रों की संख्या 28 तथा 12वीं आर्ट में 11 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 12वीं साइंस में एक भी विद्यार्थी नहीं है। शिक्षक नहीं होने के चलते 12 साइंस में कोई भी विद्यार्थी ने यहां अध्ययन नहीं लिया। कुल 119 विद्यार्थी अध्यनरत हैं।

इस संबंध में ‘छत्तीसगढ़’ ने यहा पढ़ रहे विद्यार्थियों से जानने की कोशिश की। 12वीं के विद्यार्थी राजेन्द्र कुमार जांगड़े ने बताया कि शासकीय शिक्षक नहीं होने के चलते तीन प्राइवेट शिक्षक पढ़ा रहे हंै। रेगुलर शिक्षक नहीं होने की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यहां शिक्षकों की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है, टीचर नहीं होने के चलते 12वीं साइंस में एक भी विद्यार्थी नहीं है।

11वीं साइंस की छात्रा मनीषा कुमारी जांगड़े ने बताया कि यहां एक भी सरकारी शिक्षक नहीं है, 3 जनभागीदारी शिक्षक हंै। यहां केमेस्ट्री, हिन्दी एवं इंग्लिश का पढ़ाई नहीं हो रहा है। एक प्रभारी प्रिंसिपल है, जो हमें अंग्रेजी का ग्रामर पढ़ाते हैं। बिना शिक्षक के प्रश्न को समझ नहीं पाते हंै, हमें पढऩे में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। शिक्षक नहीं होने के चलते यहंा के विद्यार्थी दूसरे स्कूल में पढऩे के लिए चले गए हंै, और हम लोग शिक्षक आएंगे कहकर पढ़ाई कर रहे हंै, लेकिन आज तक शिक्षक नहीं पहुंचे है। जनभागीदारी शिक्षकों के द्वारा हमारी पढ़ाई कराई जा रही है।

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी बीएल देवांगन का कहना है कि नियुक्ति व व्यवस्था पर आचार संहिता लगने की वजह से प्रतिबंध लगा हुआ है, जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी, शासन को अवगत कराया जाएगा।

जनभागीदारी अध्यक्ष संतोष साहू, ग्राम मरदा कहते हंै  कि कलेक्टर, डीईओ और क्षेत्रीय विधायक से टीचर की मांग को लेकर कई बार आवेदन दिया जा चुका है, मौखिक रूप में भी विभिन्न बार चर्चा की गई है। हमारे द्वारा 3 जनभागीदारी शिक्षक की व्यवस्था की गई है। आगामी18 अक्टूबर को जनभागीदारी की बैठक भी गई है, जिसमें शिक्षक के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

शा.उ.मा.वि. मरदा के प्रभारी प्राचार्य यशवंत ताम्रकार का कहना है कि प्रभारी प्रिंसिपल के रूप में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मरदा के प्रभार में हंू। हाई स्कूल की दर्ज संख्या 119 है। शिक्षक की कमी विगत तीन साल से बनी हुई है। शिक्षकों की मांग कलेक्टर, डीईओ से की गई है। वर्तमान में 3 जनभागीदारी शिक्षकों से पढ़ाई कराई जा रही है। जनभागीदारी की ओर से विचार किया जा रहा है, एक-दो दिन में शिक्षक की व्यवस्था हो जाएगी।

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