बीजापुर

मतदान के लिए सेंड्रा इलाके में होती है मात्र रस्म अदाई, सैकड़ों ग्रामीण वोट देने से रहेंगे वंचित
17-Oct-2023 2:39 PM
मतदान के लिए सेंड्रा इलाके में होती है मात्र रस्म अदाई, सैकड़ों ग्रामीण वोट देने से रहेंगे वंचित

तीन पंचायतों के हैं 23 गांव, 17 मतदान केन्द्र हैं अतिसंवेदनशील

मोहम्मद इमरान खान

भोपालपटनम, 17 अक्टूबर(‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।  बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के सेंड्रा इलाके के सैकड़ों ग्रामीण विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह जाएंगे।  ब्लॉक में कुल 62 मतदान केंद्र हैं, जिसमें 17 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील श्रेणी में आते हैं, इन मतदान केंद्रों को दूसरी जगह शिफ्ट करने प्रस्ताव भेजा गया है।

सेंड्रा इलाके के तीन पंचायत हैं, जिनमें बड़ेककलेट, सेंड्रा, एडापल्ली शामिल हंै। इन तीन पंचायतों में 23 गांव आते हैं, जिनमें सैकड़ों ग्रामीण निवासरत हैं। इन तीन पंचायतों के कई ग्रामीण 2005 सलवा जुडूम के समय अपना घर, गांव, खेत छोडक़र भोपालपटनम फारेस्ट नाके के पास आकर बस गए थे। धीरे-धीरे यह इलाका सेंड्रापारा नाम से जाना जाने लगा।

 चुनाव के समय इन तीन पंचायतों के लिए मतदान केंद्रों को भोपालपटनम सेंड्रापारा के पास के स्कूल में लगाया जाता है। यहां बसे लोग मतदान करते हैं,  लेकिन तीन पंचायतों के गांवों में जो लोग निवासरत हैं, वे अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाते हैं, क्योंकि मतदान केंद्र 70 किलोमीटर की दूरी पर विस्थापित किया जाता है।   ज्ञात हो कि  बड़ेककलेड, सांड्रा, एडापल्ली पंचायतों में अभी भी सैकड़ों लोग वहीं रहते हंै। इतनी दूरी तय कर विस्थापित किए गए केंद्रों में ग्रामीण वोट देने नहीं आ पाते हंै।   यहां बसे ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पंचायत की कोई सुविधाएं नहीं मिलती, मात्र राशन दिया जाता है। आवास व किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है, उनका कहना है कि वे अधर में लटके हुए है।

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने नगर पंचायत में शामिल करने के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कहा था। सीएमओ ने उच्च अधिकारियों से बात करने को कहा। इसके साथ ही ग्रामीणों ने सडक़, पानी, आवास जैसी समस्याओ की फरियाद तमाम नेताओं को सुनाई, पर इनका कोई हल नहीं निकल पाया।

 ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में कई एकड़ खेती है, वे सब कुछ छोड़ सलवा जुडूम के बिगड़े हालात में आए थे। उन्होंने बताया कि अब यह पूरी तरह बस चुके हैं, उनके जीवन यापन का सहारा मजदूरी हैं, वे मजदूरी कर अपना घर चलाते हैं।

तीन पंचायतों के है 23 गांव

सेंड्रा इलाके के बड़ेककलेड पंचायत में 10 गांव हैं, जिनमें कानलापर्ती, पीलूर, सप्पीमारक, मारवाड, पेंकुदूर, फूलगुण्डम, बड़ेककलेड, अन्नापुर, छोटेककलेड, टेकमेंट्टा हैं, वहीं सांड्रा पंचायत में 6 गांव हैं-रालापल्ली, जारागुड़ा, सेंड्रा, चिपनपल्ली, चरेपल्ली, फन्दीवाया हंै। एडापल्ली पंचायत में 7 गांव हैं, जिसमें इरपागुट्टा, आरेपल्ली, कोक्केरा, गरतुल, गुण्डापुरी, पलसेगुड़ी, एडापल्ली शामिल हैं, यहां सैकड़ों ग्रामीण निवास करते है।

17 मतदान केन्द्र हैं अतिसंवेदनशील

ब्लॉक में कुल 62 पोलिंग बूथों में मतदान होना है जिनमें सत्रह पोलिंग बूथों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा गया है। धुर नक्सल प्रभावित इलाके में मतदान कराना चुनाव आयोग को चुनौती पूर्ण साबित होता है।

चुनाव आयोग ने मतदान को लेकर पूरी तैयारियां पूर्ण कर ली है। भोपालपटनम ब्लॉक में  17 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र है, सुरक्षा की दृष्टि से  इन मतदान केंद्रों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।

ब्लॉक मुख्यालय में शिफ्ट किए जाएंगे आठ मतदान केंद्र

नक्सल प्रभावित तीन पंचायतों के मतदाताओं को शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा गया है , इनके लिए कन्या हाईस्कूल में तीन व आत्मानंद स्कूल में पांच मतदान केंद्र लगाए जाएंगे-सेंड्रा, चेरपल्ली, अन्नापुर, पीलूर, बड़ेकाकलेड, इरपागुट्टा, एडापल्ली, फलसेगुण्डी मतदान केंद्र शामिल हंै।

सैकड़ों ग्रामीण वोट देने से रहेंगे वंचित

बीएलओ की जानकारी के मुताबिक एडापल्ली मतदान केंद्र में चार सौ दस मतदाता हैं, 29 लोग भोपालपटनम में रहते हैं और 8 लोग बीजापुर में हैं, बाकी 373 ग्रामीण गांव में ही रहते हैं। सेंड्रा मतदान केंद्र में 585 मतदाता हैं, जिनमें 90 लोग भोपालपटनम में रहते हैं, बाकी 495 ग्रामीण गांव में ही रहते हंै।

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