बलौदा बाजार

52 एकड़ में फैला डोंगरा का ऐतिहासिक मोतिमबंद तालाब की बरसों से सफाई नहीं
17-Oct-2023 7:56 PM
52 एकड़ में फैला डोंगरा का ऐतिहासिक मोतिमबंद तालाब की बरसों से सफाई नहीं

गंदगी से भरे तालाब में निस्तारी करने ग्रामीण मजबूर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 17 अक्टूबर। ग्राम डोंगरा का सबसे प्राचीन एवं ऐतिहासिक मोतिबबंद तालाब इन दिनों साफ-सफाई के अभाव में गंदगी से अटा पड़ा हुआ है।

निस्तारी करने वाली कुछ जगह को छोडक़र बाकी जगहों पर गंदगी से यह तालाब बजबजा रहा है, जिससे गांव में बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। इस तालाब की साफ-सफाई की ओर ध्यान नहीं देने की वजह से यह तालाब अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है।

ग्राम डोंगरा का यह मोतिमबंद तालाब 52 एकड़ में फैला हुआ है, यह गांव का प्रमुख तालाबों में से एक है, इस तालाब पर गांव की आधे से ज्यादा आबादी निस्तारी करती है। ग्रामीण तालाब की सफाई के लिए गांव के पंचों व सरपंच से गुहार लगा चुके हैं, उसके बावजूद सरपंच व पंचों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, और कोई भी जिम्मेदार उक्त तालाब की सफाई को लेकर जागरूक नजर नहीं आ रहे हैं। मजबूरीवश ग्रामीण गंदगी से अटा पड़ा तालाब में निस्तारी करने पर मजबूर हो रहे हंै।

 ग्राम डोंगरा के ग्रामीण नीलकमल वर्मा, शिव वर्मा उपसरपंच, कोमल कुमार, रामनरेश पप्पु यादव, तुंमनाथ वर्मा, फेकू वर्मा, हितेश वर्मा ने बताया कि ग्राम डोंगरा में मोतिमबंद तालाब सैकड़ों वर्ष पुराना व ऐतिहासिक है, इस तालाब की कई वर्षों से सफाई नहीं हो पाई है। गांव के सरपंच, पंच इस तालाब की सफाई की ओर ध्यान नहीं दे रहे हंै, जिसकी वजह से यह तालाब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है।

आगे बताया कि सरपंच एवं सचिव को इस तालाब से कोई सरोकार नजर नहीं आता है, इस वजह से उक्त तालाब की सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरपंच के द्वारा महज खानापूर्ति के तहत तालाब की सफाई करा दिया जाता है, दो-चार दिनों में जस की तस स्थिति में हो जाता है। इस तालाब का पानी काफी अधिक प्रदूषित हो जाने की वजह से खुजली होती है, और पानी से बदबू भी उठती है। जिससे लोगों को निस्तारी करने में काफी परेशानी होती है। ग्रामीण मजबूरीवश इस तालाब में निस्तारी करने पर मजबूर हो रहे हंै।

ग्राम पंचायत डोंगरा के सरपंच मनोज टण्डन का कहना है कि तालाब की सफाई समय-समय पर मजदूरों के द्वारा कराई जाती है। इस तालाब की सफाई कई वर्षों तक नहीं होने की वजह से जलकुंभी उगा हुआ है, जो तालाब को पूरी तरह से ढक दिया है। निस्तारीयुक्त जगह को मजदूर लगाकर सफाई कराई जा रही है, तथा निस्तारीयुक्त जगह पर बांस से घेरा किया गया था, जिसे असामाजिक तत्व के लोग तोडक़र फेंक देते हंै।

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