बीजापुर
मंडावी का सामना करने भाजपा झोंक रही पूरी ताकत
मो. इमरान खान
भोपालपटनम, 22 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। बीजापुर विधानसभा चुनाव हाईप्रोफाइल सीट के नज़रिए से देखा जा रहा है। मैदान में राष्ट्रीय पार्टी के दो दिग्गज नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पिछली दफा भोपालपटनम क्षेत्र से विक्रम मंडावी को आठ हजार से अधिक वोट से लीड मिली थी। जिले भर की बात करें तो उनकी लीड का आंकड़ा एक्कीस हजार पांच सौ चौरियासी रहा।
2018 के विधानसभा चुनाव में विक्रम मंडावी को 44011, महेश गागड़ा को 22427, सकनी चन्द्रेया 2696 हरीश पामभोई को 2004, संतोष पूनम को 999, त्रिपल यालम 942, जेम्स कुडियाम को 920 वोट मिले थे।
भाजपा से महेश गागड़ा और कांग्रेस से विक्रम मंडावी तीसरी बार विधानसभा चुनाव मैदान में हैं। 2013 में महेश गागड़ा ने विक्रम मंडावी को नौ हजार चार सौ सत्तासी वोट से हराया था महेश गागड़ा को 29578, विक्रम मंडावी को 20091, अलवा मदनीय को 5942, नीना रावतीय 2829 रंग राम नेताम 2622 संतोष पुनेम को 2489 वोट मिले थे।
पिछले दो विधानसभा में एक बार महेश गागड़ा और एक बार विक्रम मंडावी की जीत हुई है। इस दफा भी दोनों प्रत्यशियों में कांटे की टक्कर देखी जा रही है। सरकार व वर्तमान विधायक अपने पांच साल के विकास कार्यो को लेकर जनता के बीच जा रही है, वहीं भाजपा वर्तमान सरकार की खामियां भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है।
भोपालपटनम इलाके में चुनावी माहौल की ज्यादा सक्रियता दिखाई पड़ रही है। हाल ही में सडक़ दुर्घटना में घायल होने के बावजूद विक्रम चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए विक्रम मंडावी का ज्यादा फोकस ग्रामीण इलाकों में है। बतकम्मा स्थल पर मतदाताओं को लुभाने कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
इसी तरह महेश गागड़ा भी चुनावी कमान खुद संभाले हुए हैं। उनका भी जनसंपर्क जोरो पर चल रहा हैं। देखा जाए तो विधायक विक्रम मंडावी की जमीनी सक्रियता का सीधा लाभ उन्हें चुनाव में मिल सकता है।
गागड़ा के 2018 में हारने के बाद विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाए बीजापुर से बाहर रहते थे। इसका परिणाम यह रहा कि क्षेत्र में उनकी पकड़ कमजोर हो रही थी। टिकट फाइनल होने के बाद वे मैदान में बड़ी जोश के साथ उतर गए है। उनके कार्यकर्ता बड़ी लगन के साथ मैदानी इलाकों में काम कर रहे हैं।
लोकल व निर्दलीय प्रत्यशियों का क्या रहेगा समीकरण
बीजापुर विधानसभा में देखा जाए तो ज्यादा दोनों राष्ट्रीय दलों का टक्कर रहा है, पर कुछ समय से देखने को मिल रहा है कि सीपीआई, जनता कांग्रेस, आप पार्टी की सक्रियता मैदानी इलाकों में दिखाई दे रही है। इसी बीच हमार राज पार्टी पहली बार अपना प्रत्याशी मैदान में उतारी है। वे बीजापुर में सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं, वे समाज में अच्छी पकड़ रखते हंै।