बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 27 अक्टूबर। आगामी 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर लगभग साफ होने लगी है। 2018 के चुनाव में भारी बहुमत से विजयी होने वाले आशीष छाबड़ा को कांग्रेस में लगातार दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है। इसके मुकाबले भारतीय जनता पार्टी ने भी शहर के एक युवा दीपेश साहू को मैदान में उतार दिया है।
इस तरह दोनों ही प्रमुख पार्टियों की रणनीति स्पष्ट हो चुकी है। कांग्रेस जहां पिछले 5 वर्षों में क्षेत्र में किया विकास कार्य के आधार पर वोट मांगेगी वहीं भाजपा का प्रयास क्षेत्र में जाति का ध्रुवीकरण के आधार पर यह सीट कांग्रेस से छीनने प्रयास करेगी। साथ ही योगेश तिवारी आज अपने समर्थकों के साथ बैठक कर यह निर्णय लेगा कि उसको निर्दलीय चुनाव लडऩा है या नहीं यह बात अभी गर्भ में है।
जिले के तीन विधानसभा में दो सीटों पर भाजपा ने साहू समाज के प्रत्याशी घोषित कर सभी को अचरज में डाल दिया है। साजा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बिरनपुर में हुई घटना के बाद से भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बनाने प्रयासरत है। यही वजह है कि साजा से ईश्वर साहू को टिकिट दी गई है। जो कि इस चुनाव के पूर्व कभी भी राजनीति में सक्रिय नहीं थे। बिरनपुर निवासी भूनेश्वर साहू की कथित हत्या को भुनाने भाजपा ने उनके पिता ईश्वर साहू को प्रत्याशी बना दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों राजनांदगांव की चुनावी सभा मे इस घटना का जिक्र करते हुए कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। कुछ दिनों बाद साजा से लगे हुए बेमेतरा विधानसभा सीट में भी भाजपा ने साहू समाज का ही प्रत्याशी बनाकर अपनी इच्छा उजागर कर दी।
गौरतलब हो कि दीपेश साहू रिश्ते में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव के भांजे है। वहीं योगेश तिवारी ने समृद्धि बिहार कालोनी अपने निवास में समर्थकों की बैठक रखी है। जिसमें निर्दलीय चुनाव लडऩे पर विचार-विमर्श करेगा।
बहरहाल यदि योगेश तिवारी कही निर्दलीय चुनाव लड़ते है तो बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव त्रिकोणीय होने के साथ दिलचस्प भी हो जाएगा।