बेमेतरा

ढाबा और होटलों में खुलेआम परोसी जा रही शराब
26-Apr-2024 2:57 PM
ढाबा और होटलों में खुलेआम परोसी जा रही शराब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 26 अप्रैल।
पुलिस प्रशासन शहर में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम रहा है। आलम यह है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कोचिए शहर में खुलेआम शराब और गांजा की अवैध बिक्री कर रहे हैं। हालात काफी खराब है। लगातार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से स्पष्ट है कि शहर की कानून व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। ढाबा और होटलों में लोगों को खुलेआम शराब परोसी जा रही है। ऐसी स्थिति में पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ठोस कार्रवाई के अभाव में नशे के कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं।

लगातार शिकायत के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। शराब की अवैध बिक्री कर रहे होटल और ढाबा संचालकों पर राजनीतिक संरक्षण होने के कारण पुलिस कार्रवाई से कतरा रही है। आम लोगों में नाराजगी है कि सत्ता सरकार बदलने के बावजूद व्यवस्था में परिवर्तन नहीं आया। होटल व ढाबा संचालक अपने कर्मचारियों को कई बार शराब लेने ठेके पर भेज रहे हैं। इन्हें संबंधित विभाग के अधिकारियों का भी संरक्षण मिला हुआ है।

गांजा की अवैध बिक्री 
जिला मुख्यालय में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर गांजा की अवैध बिक्री हो रही है। शहर के बाजार पारा, मोहभ_ा वार्ड, भैरव मंदिर वार्ड, पिकरी वार्ड, सिंघौरी आदि स्थानों पर खुलेआम गांजा बिक रहा है। इनमें सबसे अधिक कोचिया मोहभ_ा वार्ड में सक्रिय हैं, जहां कोचिया नशा के लिए लोगों को 24 घण्टे गांजा उपलब्ध कराते हैं।

सरकार बदली पर व्यवस्था नहीं, नाराजगी
राजनीतिक संरक्षण का आलम यह है कि जनप्रतिनिधि अधिकारियों को खुद से फोन लगाकर उनके लोगों द्वारा शराब, गांजा की बिक्री करने की बात कही जाती है। यहां अवैध कारोबारियों को सहयोग देने का दबाव बनाया जाता है। सरकार बदलने के बाद लोगों में उमीद जगी थी कि नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगेगा। लेकिन यहां सरकार बदली व्यवस्था नहीं। इसे लेकर लोगों में खासी नाराजगी है जो सत्ता पक्ष के जन प्रतिनिधि भांप नहीं पा रहे हैं। इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में उठाना ना पड़ जाए।

नशे के कारोबारी मददगारों को पहुंचा रहे हैं हिस्सा
जिला में ओडिशा व मध्यप्रदेश के तस्करों द्वारा स्थानीय कोचियों को गांजा की सप्लाई की जा रही है। जिला का बॉर्डर व चेक पोस्ट को क्रॉस कर तस्कर जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में गांजा की तस्करी कर रहे हैं। तस्कर कोचिए को 7-8 हजार रुपए प्रति किलो गांजा बेचते हैं। जबकि कोचिए गांजा छोटी-छोटी पुडिय़ा बनाकर बेचते हैं। प्रति पुडिय़ा के 50-100 रुपए लिए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में गांजा की बिक्री से कोचिए तीन गुना मुनाफा कमा रहे हैं। इस कमाई का हिस्सा इनके मददगारों को भी पहुंचता है। नतीजतन कोचिए बेखौफ होकर अवैध कारोबार कर रहे है।

नशे के चंगुल में फंसते जा रहे हैं युवा  
पुलिस की निष्क्रिय कार्यप्रणाली से आमजनों में नाराजगी बढ़ती जा रही है, सहजता से नशे की सामग्री उपलब्ध होने के कारण, युवा नशे के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। अधिक मुनाफा के फेर में नशे के कारोबारी, लोगों को महंगे दामों पर शराब और गांजा की बिक्री कर रहे हैं। शहर के लगभग सभी ढाबों में शराब की अवैध बिक्री हो रही है। संज्ञान में रहने के बावजूद पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के कोचियों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की जा रही है।

शराब के दाम में 10 से 40 फीसदी की वृद्धि
5 साल में जिलावासियों ने 1200 करोड़ रुपए से अधिक शराब पी है। औसत 200 करोड़ रुपए से अधिक की शराब हर वर्ष जिले में बिकी है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शराब के दाम में 10 से 40 फीसदी तक दाम बढ़ाए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनता को योजनाओं का लाभ पहुंचाने यह कदम उठाया गया है।
थाना प्रभारी चंद्रदेव वर्मा ने कहा कि होटल व ढाबा में लगातार कार्रवाई की जा रही है। वीआईपी मूवमेंट को लेकर भी होटल व ढाबों की जांच की जा रही है। नशे का कारोबार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
 

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