बलौदा बाजार
एक दिन पहले कॉम्प्लेक्स का छज्जा बीम सहित गिरा था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 29 अक्टूबर। नगर पालिका बलौदाबाजार द्वारा पुराने कृषि मंडी रोड में 1.30 करोड़ की लागत से निर्मित व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का छज्जा बीम सहित भरभरा कर गिरने के बाद से यहां दुकानों का संचालन कर रहे व्यवसायियों में भय व्याप्त है। आलम यह है कि दुकानदार अपनी दुकानों को खोलने से भी कतरा रहे हैं। शनिवार को दुकानदारों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि अधिकांश दुकानदारों ने 22 लाख से लेकर 42 लाख रुपए में दुकान क्रय किया था, परंतु घटिया निर्माण की वजह से अब उनके रुपए डूबते हुए प्रतीत हो रहे हैं।
विदित हो कि व्यवसायिक परिसर में कुल 30 दुकान हैं। अधिकतर दुकानों में आज भी घटिया निर्माण की वजह से छत व दीवारों में दरारें पड़ गई है। जबकि क्रांकीट के मिश्रण में रेत का अधिक उपयोग किए जाने के चलते प्लास्टर भी जगह-जगह से उखाड़ रहा है। हालत यह है कि बहुत सी दुकानों के शटर भी कमजोर क्रांकीट की वजह से अपनी जगह छोड़ रहे हैं।
शुक्रवार को छज्जे के भी सहित धाराशायी हो जाने के बाद शनिवार को दुकान खोलने पहुंचे लोग भयभीत नजर आए। कपड़ा दुकान व्यवसाय अनिल जैन ने चर्चा के दौरान बताया कि उनके द्वारा 42 लाख रुपए देकर दुकान क्रय किया था। उसके बाद रजिस्ट्री में खर्च करने के अलावा प्रति माह 2 से ढाई हजार रुपए किराया दुकान पालिका में जमा कर रहे हैं। वहीं मुर्रा, लाई, चना व अन्य सामानों का व्यापार करने वाले व्यावसायी ने बताया कि उन्होंने भी करीब 40 लाख रुपए देकर दुकान क्रय किया था। दुकान में लगा शटर उखाडऩे की स्थिति में पहुंच चुका है। छत दीवारों में दरारें भी हैं। इस संबंध में उनके द्वारा कई बार संबंधित कार्य के ठेकेदार महेश गुप्ता व इंजीनियर के खिलाफ शिकायत भी की गई परंतु पालिका के प्रमुख जनप्रतिनिधियों और व अधिकारियों द्वारा कार्यवाही करने की बजाय उन्हें वापस भेज दिया गया।
अन्य बहुत से व्यापारियों ने भी अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि उन्होंने पाई पाई जोडक़र रुपए एकत्र कर दुकानों को क्रय किया था परंतु घटिया निर्माण के चलते दुकान 1 वर्ष में ही जर्जर होने लगी है। इसके चलते उनके जीवन भर की गाढी कमाई डूबने की कगार पर है।
हथौड़े के वार से भी भर भर का टूटने लगी गिरी हुई बीम
नगर पालिका द्वारा एहतीयात के तौर पर छज्जे के गिरे हुए मलबे को उठाने के अलावा कुछ एक छड़ के सहारे दीवारों से लटक रही बीम को हटाने का कार्य भी किया गया। इस दौरान पालिका के उपस्थित इंजीनियर व कर्मचारी भी हतप्रभ़ रह गए जब कुछ एक क्षणों के सहारे कमजोर क्रांकीट के साथ बनाई गई करीब 10 इंच लंबी चौड़ी बीम हथौड़े के वार से भी भर भराकर टूटने लगी। क्रांकीट को देखकर प्रतीत होता है कि भवन निर्माण के दौरान सीमेंट, गिट्टी, रेट के मिश्रण निर्माण में लापरवाही बरतने के अलावा तराई का कार्य भी नहीं किया गया है। फिलहाल परिसर के दुकानदार स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं।