महासमुन्द

स्वाइन फ्लू, इंफ्लूएंजा के बाद अब कोरोना के नये वेरिएंट का खतरा, महासमुंद मेडिकल कॉलेज अलर्ट मोड पर
20-Dec-2023 2:39 PM
स्वाइन फ्लू, इंफ्लूएंजा के बाद अब कोरोना के नये वेरिएंट का खतरा, महासमुंद मेडिकल कॉलेज अलर्ट मोड पर

सप्ताह भर से अस्पताल में सभी कर्मचारी मास्क में नजर आ रहे हैं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 दिसंबर। 
उत्तर प्रदेश में कोरोना का नया वेरियेंट जेएन-1 से 4 लोगों की मौत के बाद महासमुंद मेडिकल कॉलेज भी अलर्ट मोड पर आ गया है। हालांकि शासन की ओर से इस संबंध में किसी प्रकार की गाइड लाइन जारी नहीं की गई है। फिर भी अस्पताल प्रबंधन पूर्व की भांति ही गाइड लाइन का पालन करा रहा है। महासमुंद का यह अस्पताल पहले ही एन्फ्लुएंजा तथा स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट मोड पर रहा है। अब जिले को कोरोना का नया बेरियेंट एक बार फिर चुनौती दे रहा है। 

महासमुंद मेडिकल कॉलेज प्राप्त जानकारी अनुसार कोरोना, इन्फ्लूएंजा तथा स्वाइन फ्लू तीनों के लक्षण लगभग एक ही समान ही रहते हैं। इसलिये जो मरीज यहां भर्ती हो रहे हैं केवल उन्हीं मरीजों की ये तीनों जांच कराई जा रही है। गाइडलाइन जारी होने के बाद अस्पताल पहुंचने वाले सामान्य मरीजों की भी तीनों प्रकार की जांच की जायेगी। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार बीते कुछ माह से लोगों को हो रही सर्दी-खांसी जल्दी आराम नहीं हो पा रही है। एक बार सर्दी-खांसी होने के बाद 20 से 25 दिन आराम होने में लग रहे हैं। इधर ठंड की वजह से भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। 

चिकित्सकों के अनुसार स्वाइन फ्लू के वायरस को फैलने के लिए ठंड का मौसम अनुकूल रहता है। फलस्वरूप जिले में संभावित कोरोना स्वाइन फ्लू, इन्फ्लूएंजा के फैलाव को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। सप्ताह भर से अस्पताल में सभी कर्मचारी मास्क में नजर आ रहे हैं। साथ ही अस्पताल में आने वाले मरीजों को सावधानी बरतने के लिए चिकित्सकों द्वारा अपील की जा रही है। मालूम हो कि कोरोनाकाल के दौरान शहर सहित आसपास के ग्रामों में अनेक मौतें हुई थी, वहीं पूर्व में भी स्वाइन फ्लू के कुछ केस जिले में मिले थे। जिला स्वास्थ्य समिति ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी के घर अन्य जिले प्रांत से आए संबंधी या अन्य किसी भी व्यक्ति में अत्यधिक सर्दी-खांसी तथा बुखार के लक्षण दिखाई देने पर अतिशीघ्र स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी को सूचना देवें।

साथ ही मरीज को अतिशीघ्र निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार कराएं। साथ ही अपने आसपास के व्यक्तियों को भी इस बीमारी से संभावित खतरों से अवगत कराएं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण एक सामान्य फ्लू के सामान हैं। बुखार, खांसी, सिरदर्द, कमजोरी और थकान, मासपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, गले में खराश, नाक बहना है। चिकित्सकों ने बताया कि आम तौर पर इन लक्षणों के प्रति सचेत रहने की जरूरत हैं। क्योंकि प्रयोगशाला परीक्षण से ही स्वाइन फ्लू का पता चलता है। कोरोना, स्वाइन फ्लू, इन्फ्लूएंजा से बचाव के उपाय में सर्दी, खांसी से प्रभावित मरीजों से निकट संपर्क से बचने, चेहरे पर मास्क लगाने, खांसी अथवा छींक के समय अपने चेहरे को टिशु पेपर रूमाल से ढंककर रखने, अपने हाथों को किसी हेंड सेनेटाइजर द्वारा नियमित साफ  रखने, अपने आसपास हमेशा साफ.सफाई रखने, फ्लू के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डाक्टर के पास जाने कहा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि फ्लू का एंटीवायरल ड्रग टैमीफ्लू के जरिए इलाज किया जा सकता है।

भर्ती होने वाले मरीजों की जांच शुरू
जिला अस्पताल के डॉ.कुलवंत का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट जेएन. 1, इंफ्लूएंजा तथा स्वाइन फ्लू की संभावनाओं को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सकीय उपकरणों को एक्टिव किया जा रहा है। यहां कोरोना काल के दौरान 55 बेड के डेडीकेटेड वार्ड हैं। 

जहां पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं, वहीं 100 बेड पृथक से ऑक्सीजन वाले बेड हैं। ठंड के दिनों में कोरोना स्वाइन फ्लू तथा इन्फ्लूएंजा के वायरस और भी एक्टिव रहते हैं। फलस्वरूप अलर्ट किया गया है। ताकि लोग बचकर रहे। भर्ती होने वाले मरीजों की जांच प्रारंभ कर दी गई है। हालांकि हमारे जिले में एक भी स्वाइन फ्लू, कोरोना तथा चीनी इन्फ्लूएंजा के मामले सामने नहीं आए हैं। फिर भी किसी भी समस्या से लडऩे हमारी तैयारी पूर्ण है।
 

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