बिलासपुर

एसईसीएल में नए साल का स्वागत, 2023 की उपलब्धियों पर पुस्तिका का विमोचन
03-Jan-2024 1:41 PM
एसईसीएल में नए साल का स्वागत, 2023 की उपलब्धियों पर पुस्तिका का विमोचन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 3 जनवरी।
एसईसीएल मुख्यालय में सीएमडी व निदेशकों ने अधिकारियों, कर्मचारियों को नववर्ष 2024 की बधाई दी और कंपनी को उत्तरोत्तर शिखर पर ले जाने की कामना की।

इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कर्मियों ने एसईसीएल के प्रथम पुरुष अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा एवं उनके साथी निवेशकों का पुष्पगुच्छ से आत्मीय अभिनंदन किया। इस अवसर पर अधिकारी एवं कर्मचारियों भी आपस में एक-दूसरे से गले मिलकर ‘नववर्ष 2024’ की शुभकामनाएं दी।

अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा, निदेशक (वित्त)  जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी संचालन सह योजना-परियोजना  एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी ने इस मौके पर बेस्ट आफ 2023 पुस्तिका का विमोचन किया जिसमें वर्ष 2023 में सम्पन्न उल्लेखनीय कार्यों, उपलब्धियों का विवरण है। इनमें प्रधानमंत्री के करकमलों से सीईआरएल रेल कॉरिडोर का लोकार्पण, केनापारा ईको-टूरिज्म साईट, एसईसीएल की 63 खदानों को स्टार रेटिंग पर कोयला मंत्री से पुरस्कार। विशेष अभियान 3.0 में सभी कोल कंपनियों में एसईसीएल को कोयला मंत्री द्वारा पुरस्कार, ईआरपी सफल क्रियान्वयन में कोयला मंत्री से पुरस्कार, कोयला सचिव से छाल सायडिंग उद्घाटन, 49वें कोल इंडिया स्थापना दिवस अवार्ड में एसईसीएल को मिले 6 अवार्ड्स, तत्कालीन कोलइंडिया चेयरमैन द्वारा कुसमुण्डा वर्कशाप काम्प्लेक्स-गेवरा रेल रैपिड लोड आउट सिस्टम व बरौद साइडिंग का उद्घाटन, आधिकारिक भू विस्थापितों को रोजगार का उल्लेख है।

इसके अलावा गेवरा के देश की सबसे बड़ी कोयला खदान बनने, केतकी यूजी के एमडीओ मोड से उत्पादन कने वाली पहली भूमिगत खदान बनने, नयी खदानों की शुरूआत तथा बंद खदानों को पुर्नर्जीवित करने में मिली सफलता का जिक्र है। स्मारिका में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की मदद से एसईसीएल एक नेट-पॅजिटिव कंपनी बनने के पथ पर, मानिकपुर पोखरी के रूप में तीसरी ईको-टूरिज्म साईट को विकसित करने के निर्णय, डीजीकोल के तहत मेगा प्रोजेक्ट्स में डिजिटल समाधानों से कोयला खनन, पहली बार मियावाकी विधि से पौधारोपण, जमुना ओपनकास्ट परियोजना में प्रतिपूरक वनरोपण, पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में सीएसआर पर किए अधिकाधिक खर्च, सुश्रुत येाजना के तहत कोयलांचल के बच्चों को नीट कोचिंग, ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट शिक्षा, सीपेट के माध्यम से रोजगार, 3.0 के तहत कबाड़ से कलाकृति, आयकर रिफार्म आदि शामिल हैं।

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