बेमेतरा

देवकर में 200 साल पुराना राम मंदिर, काले रंग की देश की तीसरी प्रतिमा
22-Jan-2024 2:55 PM
देवकर में 200 साल पुराना राम मंदिर, काले रंग की देश की तीसरी प्रतिमा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 22 जनवरी।
भगवान राम जिले के हर गांव व शहर के कण-कण में बसे हैं। बेमेतरा, दाढ़ी के ग्राम गिधवा, देवकर व नवागढ़ में प्राचीन राममंदिर है। आस्था के केन्द्र रामजी के दरबार में राम, जानकी व लखनलाल विराजे हैं। मंदिरों को आयोध्या में रामलला की प्रतिमा स्थापना पर भव्य स्वरूप दिया गया है। पत्रिका द्वारा जिले के राम मंदिर का इतिहास व अतीत को संजोया गया है। देवकर नगर पंचायत मुख्यालय में काले पत्थर से बनाए गए श्रीराम की प्रतिमा है। पूरे प्रदेश में पहला व देश मे यह इस तरह की तीसरी प्रतिमा है।

1660 में बना है श्रीराम का मंदिर फिर राम-जानकी मंदिर 
नवागढ़ में राजा नरवर साय के इस नगर में 300 साल पुराना श्रीराम का मंदिर हैं। इसके बाद राधा-कृष्ण का मंदिर की स्थापना आज से 100 साल पूर्व की गई थी। जानकर मनोज श्रीवास्तव बताते हैं कि जिले के प्राचीन मंदिरों में एक यहां का राम-जानकी मंदिर हैं।

राजस्थान से आए कलाकारों ने सात दशक पूर्व मंदिर को स्वरूप दिया  
दाढ़ी तहसील मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर रामजानकी मंदिर की स्थापना करीब 7 दशक पूर्व की गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि पुर्व मालगुजार सोनसिंह चंद्राकर द्वारा मंदिर स्थापना के साथ जमीन दान देकर मंदिर को आमजन के लिए समर्पित किया गया था। मंदिर में भगवान की प्रतिष्ठा हुई तब रामजानकी की मूर्ति जयपुर से लाई गई थी। मंदिर गर्भगृह में रामजानकी, लक्ष्मण व हनुमान जी विराजमान हैं। पंडित फू लचंद मंदिर के प्रवेश द्वार से लगा हुआ बैठक बरामदा है, जिसके दीवार की दाई ओर रामजानकी परिवार तथा दीवार की बाई ओर लक्ष्मीनारायण का भित्त चित्र बनाया गया गया है। मुख्य द्वार के ऊपर हनुमान जी विराजित हैं। रामजानकी मंदिर कलात्मक ढंग से निर्मित है, जिसके दर्शन के लिए बेमेतरा के साथ कवर्धा व अन्य जिलों से भक्त पहुंचते हैं।

1903 में दाऊ जरब सिंह ने बनवाया था राम मंदिर 
जिला मुख्यालय के सबसे पुराने रामजानकी मंदिर का इतिहास 120 साल से भी अधिक पुराना है। 1907 में वर्तमान मंदिर की मरम्मत उस समय के तहसीलदार ने कराई थी। सोमवार को आयोजन को लेकर मंदिर प्रांगण को फूलमाला व लाइट से सजाया गया है। पंडित शिवकुमार पाठक ने बताया कि मंदिर आज से 120 साल पहले बनाया गया था। दाउ जरब सिंह वर्मा द्वारा मंदिर का निर्माण कर पंडित को सौंपा गया था। मंदिर की सेवा पांचवी पीढ़ी कर रही है। हेमंत त्रिपाठी ने बताया कि 22 तारीख को ऐतिहासिक दिन के लिए मंदिर में भव्य पूजा आरती की जाएगी।

मूंछ वाले हनुमान जी विराजे हैं राम दरबार में  
देवकर में 200 साल पुराना राम मंदिर है। मंदिर का निर्माण लक्ष्मण प्रसाद साव द्वारा कराया गया था। मंदिर में रामजी की प्रतिमा काले पत्थर से बनाई गई है। देवकरवासी बताते हैं कि विश्व में काले पत्थर से बनी रामजी की तीन प्रतिमाएं हैं, जिसमें एक नाकपुर में पूर्व स्थपित फिर देवकर व अयोध्या में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा भी काले पत्थर से बनाई गई है। विशाल मंदिर परिसर में अनेक अन्य मंदिर भी हैं, जिसमें श्रीजगन्नाथ स्वामी, श्रीराधाकृष्ण, शिवलिंग, गणेश, वनवासी राम एवं बजरंगबली का मंदिर विद्यमान है। मंदिर प्रांगण में संत का समाधि स्थल भी है। 

श्रीगणेश, शिव, वनवासी राम एवं हनुमान को सबसे प्राचीन मंदिर बताया जाता है। हनुमान ने गदा के स्थान पर दाहिने हाथ में तलवार एवं बाएं हाथ में ढाल धारण किया हुआ है तथा उनकी मूंछें भी हैं और अपने पैरों के नीचे राक्षसों को दबाए हुए दिखाई दे रहे हैं। अनुमान है कि हनुमान जी का यह रूप उस समय का है, जब अहिरावण श्रीराम एवं लक्ष्मण को अपने साथ बली चढ़ाने पाताल लोक में ले जाते हैं और उन्हें ढूंढ़ते हुए हनुमान पाताल लोक पहुंच जाते हैं और क्रोधित होकर रौद्र रूप धारण कर लेते हैं। 

रविशंकर सेानी ने बताया कि मंदिर में एक साथ सभी देवी-देवताओं का दर्शन होता है। मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। मंदिर का संचालन ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। मंदिर में देवसेवा के लिए कृष्णदास वैष्णव व रोहित वैष्णव जुटे हुए हैं।
 

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