बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपट्नम, 22 जनवरी। माओवादी संगठन मद्देड एरिया कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर बासागुड़ा के बेल्लमनेंड्रा गांव में हुई घटना को फर्जी बताया है।
नक्सलियों ने प्रेस नोट में लिखा है कि 20 जनवरी को बासागुड़ा थाना अंतर्गत बेल्लमनेंड्रा गांव में सुबह 7 बजे भूमि-समतलीकरण करने जा रहे लोगों को पकडक़र इन में से गोटूम गांव का कारम कोसा (पिता गंगा, मां मासे), मडक़म सोनी (पिता कला, मां बुधरी), नेड्रा गांव का पूनेम नागी (पिता बिच्छेम, मां मंगली) इन तीन ग्रामीणों को पकडक़र निर्मम तरीके से यातना देकर हत्या किया गया है।
बाड़से कमलेश, रेंगो हिड़मे, कलमू जोगी, उयका जिम्मो, उयका बूद्धि, पोडियम छोटु यह 6 लोगों को पुलिस पकडक़र प्रताडि़त कर रही है। इसके पहले 8 जनवरी को तिमापुरम गांव के जनता भूमि-समतलीकरण करने के लिए गांव के अंदर जमा हुए तब भी तिमापुरम कैंप के जवानों ने 4 लोगों को जिनमें अवलम मंगु, मडक़म सोमा, पदाम पांडु, अवलम भीमा को पकडक़र पिटाई किए और बासागुड़ा थाना ले गए 2 दिन थाने में रखकर छोड़ दिया गया।
माओवादियों ने लिखा है कि साधारण ग्रामीणों को मारकर फिर नक्सली पुलिस जवानों के बीच मुठभेड़ हुई बताकर समान जब्त करने की जानकारी व इस तरह का मनगढ़त कहानी इलेक्ट्रानिक मीडिया पेपर में प्रचार कर रही है।
पुलिस का कहना है कि मद्देड़ एरिया कमेटी के 20-25 सशस्त्र नक्सली वहां मौजूद रहकर मीटिंग कर रहे थे, क्योंकि इस वक्त हमारे पीएलजीए के कोई साथी वहां नहीं है। साधारण ग्रामीणों को निर्मम हत्या करके जवानों की बड़ी कामयाबी मिलने का दावा सफेद झूठ है।
माओवादियों ने लिखा है कि हाल ही बीजापुर जिले में अंदरूनी गांवों में रोड, पुल-पुलियां, मोबाइल टावर, नया पुलिस कैंपों को बिठाकर आदिवासी जनता पर दिन-प्रतिदिन हमलाएं करना गिराफ्तार करना, मारपीट करना, जेल भेजना, महिलाओं के साथ सामूहिक अत्याचार व हत्या करना, दूधमुंही बच्चों को भी मारना पुलिस फोर्स के लिए आमबात हो गई है।
माओवादियो ने नवजवानों, प्रगतिशील बुद्धिजीवियों, जनपक्षधर पत्रकारों, देशभक्त लोग, सामाजिक सांगठनों व कार्यकर्ताओं, आदिवासी हितैषी, आदिवासी संगठनों, महिलाओं, किसान, मजदूर जनता से अपील की है कि पीडि़त परिवारों से मिलकर हकीकत को सामने लाए। इस फर्जी मुठभेड़ को खंडन करें, न्यायिक जांच के लिए मांग करें दोषी अधिकारियों व जवानों को कड़ी सजा देने मांग करे।