बेमेतरा

गोबर खरीदी बंद, स्कूल में गोबर गैस से नहीं बन रहा खाना, बिजली सप्लाई भी 4 महीने से बंद
28-Jan-2024 3:03 PM
गोबर खरीदी बंद, स्कूल में गोबर गैस से नहीं बन  रहा खाना, बिजली सप्लाई भी 4 महीने से बंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 28 जनवरी। जिले के 393 गौठानों में महीनों से गोबर खरीदी बंद है। गोबर खरीदी बंद होने से गौठानों में कामकाज पूरी तरह ठप हो चुका है। गोबर खरीदी बंद होने की वजह से ग्राम राखी में गोबर गैस से बिजली उत्पादित करने का काम भी बंद हो चुका है। गौबर गैस यूनिट के बंद होने की वजह से गौठान से लगे स्कूल में गौबर गैस से खाना पकाने और बिजली सप्लाई चार महीने से बंद है।

जानकारी हो कि जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ जनपद के ग्राम पंचायत में संचालित 393 व 8 निकाय के 11 गठानों समेत कुल 401 गौठान में आचार संहिता लगाए जाने के पूर्व से गोबर खरीदी बगैर किसी आदेश से के बंद कर दी गई। अब सत्ता परिवर्तन के बाद से इस योजना के बारे में कोई पूछने वाला भी नहीं है। हालत यह है की योजना के तहत चुनाव के पूर्व हुई गोबर खरीदी का भुगतान तक नहीं किया गया है। भुगतान नहीं होने की वजह से संचालित करने वाले गौठान समिति को परेशान होना पड़ रहा है।

योजना के लिए 4113 लाख का बजट जारी किया गया था

आंकड़ों के अनुसार जिले के बेमेतरा ब्लाक के 99 गौठान निर्माण के लिए मनरेगा मद से 678 लाख और अन्य में से 396 लाख समेत 1076 लाख, नवागढ़ ब्लाक के 83 को गौठान निर्माण के लिए मनरेगा से 678 लाख और अन्य मद से 153 लाख समेत कुल 851 लाख, साजा ब्लॉक के 120 गौठान के लिए मनरेगा से 911 लाख और अन्य मद से कुल 1303 लाख, बेरला ब्लॉक के 91 गठन के लिए मनरेगा से 725 लाख और 156 लाख अन्य मद से जुटाया गया था। बेरला में गौठान निर्माण में 882 लाख जारी किया गया था। जिले के 993 गठन के लिए मनरेगा से 3013 लाख और 1100 लाख अन्य मद से खर्च किए गए थे। जिले में गौठान बनाने के नाम पर 4113 लाख खर्च किए गए। जिले के एक गौठान से औसतन प्रतिदिन 1 क्विंटल गोबर खरीदी होने का अनुमान है, जिसके अनुसार जिले के 401 क्विंटल गोबर की आवक पर 2 प्रति किलो की दर से किसानों का भुगतान किया जाना था।

 45 दिन का भुगतान नहीं मिला है समितियों को

गौठान में गोबर की खरीदी समितियों के माध्यम से की जा रही थी। चुनाव के पूर्व हुई गोबर खरीदी की राशि समितियों को नहीं मिली है। करीब 45 दिन का भुगतान लंबित होने की वजह से समिति के कर्ताधर्ता परेशान हो रहे हैं। राखी समिति अध्यक्ष रामाधार यादव ने बताया कि करीब 52 हजार का भुगतान नहीं मिला है। महिला समुह की अध्यक्ष मीरा मानिकपुरी ने जानकारी दी कि खाद बेचने की राशि नहीं मिली है। कई क्विंटल खाद का स्टॉक उनके पास पड़ा हुआ है, जिसका कोई लेने वाला नहीं है।

गोबर खरीदी बंद होने से प्रदेश मॉडल इकाई बेकार हुई 

जानकारी हो कि जिला मुख्यालय में 2 अक्टूबर 2021 को आयोजित कार्यक्रम के दौरान ग्राम राखी में गोबर से बिजली बनाने की योजना प्रारंभ की गई थी। योजना के प्रारंभ होने के ठीक दो साल बाद यानी अक्टूबर 2023 में राखी के गौठान में गोबर की खरीदी बंद होने के कारण गोबर से बिजली उत्पादन की इकाई ठप हो गई है। बीते तीन माह से बिजली उत्पादन बंद होने के कारण गौठान में अंधेरा पसरा हुआ है। वहीं गोबर गैस से मध्यान्ह भोजन बनाने व स्कूल में बिजली सप्लाई भी बंद हो चुकी है। गोबर गैस प्लान्ट में अक्टूबर माह से ताला जड़ा हुआ है। जानकार जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को जिस तरह से प्रदेश के मॉडल के तौर पर प्रचारित किया गया था उसकी पोल खुल गई है। शुक्ला ने कहा कि चूंकि योजना को लंबी अवधि के लिए तैयार उसे स्वरूप दिया जान था पर ऐसा नहीं किया गया।

उप संचालक कृषि मोरध्वज डडसेना ने कहा कि जिले के 12 स्वालंबी गौठानों को छोडक़र अन्य गौठानों में गोबर खरीदी बंद है। खरीदी को लेकर अभी तक किसी तरह से स्पष्ट आदेश नहीं आया है।

सीईओ जिला पंचायत कमलेश लीना मंडावी ने कहा कि जिले में गोबर खरीदी की जानकारी उपसंचालक कृषि ही दे सकते है। खरीदी का काम कृषि विभाग का है।

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