बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 6 फरवरी। जिले में इस साल 1.6 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था, इनमें से 1.56 लाख किसानों ने 87 लाख क्विंटल धान बेचा, उनके खातों में 1904 करोड़ रुपए आए, वहीं जिले के 4000 से ज्यादा किसानों ने सरकार को समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेचा।
ऐसा माना जाता है कि जिले में जिस साल ज्यादा बारिश हुई उस साल धान की फसल भी अच्छी होती है लेकिन इसके लिए मौसम के अनुकूल होने के साथ ही कीट पतंगों का प्रकोप कम होना भी बहुत जरूरी है। धान की फसल को हर तरह से सपोर्ट मिला। जिले की औसत वर्षा 1030.5 मिलीमीटर की तुलना में 1230.6 मिलीमीटर वर्षा का रिकॉर्ड तो बना ही, साथ ही धान खरीदी में बलौदाबाजार जिला पूरे प्रदेश में टॉप टेन में रहा।
जिले के लगभग 56 हजार किसानों ने 129 सहकारी सेवा समिति के 166 उपार्जन केंद्रों में लगभग 87 लाख क्विंटल धान बेचा है, जिसकी कीमत प्रति क्विंटल 2182 रुपए की दर से लगभग 1904 करोड़ रुपए है। इस बार बलौदाबाजार जिले में लगभग 87 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई है, जबकि पिछले साल जिले में लगभग 65 लाख क्विंटल धान खरीदा जा सका था। नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा ने कहा कि धान का उठाव हो रहा है।
मानसून महज 4 दिन लेट, शुरू से ही अच्छी बारिश
मानसून महज 4 दिन लेट रहा। इसके आने की तारीख 12 जून है लेकिन 16 जून को आया। शुरू से ही अच्छी बारिश हुई। नतीजा यह हुआ कि समय पर बोनी व रोपाई का काम पूरा हो गया। मानसून आने के 40 दिन के भीतर ही 60 फ़ीसदी वर्षा हो चुकी थी।
इस बार बीज व खाद की कमी, लेकर शिकायतें कम
धान की उत्पादन के अच्छे होने के पीछे एक प्रमुख वजह प्रमाणित बीज वह रासायनिक खाद की उपलब्धता भी रही। कुछ मामलों को जोड़ दें तो अधिकांश इलाकों के किसानों को समय पर प्रमाणित बीज व रासायनिक खाद मिल गया, इसकी वजह से वे समय पर खेती के काम को कर सकें।
फसलों में कम लगी बीमारियां, किसानों को मिली राहत
इस बार कीट पतंगों ने उसे तरह धान की फसल पर हमला नहीं बोला। भूरा धब्बा शीथ ब्लाईट तना छेदक, गुलाबी तना छेदक पत्ती लाल लपेटक फुदका और गांधीबग जैसे बीमारियों का असर बहुत कम रहा। नतीजा ये हुआ कि धान की खेती को नुकसान नहीं पहुंचा। धान का उत्पादन अच्छा हुआ।
इस बार भी प्रदेश में टॉप टेन में रहने की उम्मीद
जिले के कुल 1 लाख 60 हजार 583 पंजीकृत किसानों में से लगभग 4 हजार किसानों ने अपना धान समितियों को नहीं बचा बेचकर अन्य जगहों में बेच दिया है बावजूद इसके धान खरीदी के मामले में बलौदाबाजार जिला टॉप टेन में शामिल रहने की उम्मीद है। इस साल ज्यादा बारिश होने की वजह से शुरुआत में धान खरीदी कम हुई। साथ ही धान की अधिकांश फैसले पकने में थोड़ी देर हुई। धान खरीदी के लिए इंतजार करना पड़ा।