बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 11 फरवरी। वर्ष से 2018-19 में नांदघाट से भाटापारा बलौदाबाजार कसडोल गिधौरी तक निमित 91.228 किलोमीटर सडक़ कई स्थानों पर उखाडऩे के अलावा नगर के कुकुरदी बाय पास से लेकर भाटापारा तक कई स्थानों में दोनों किनारो पर बीचों-बीच दबा दब चुकी है। जिससे वाहन चालन के दौरान अनियंत्रित होने का खतरा लगातार बना हुआ है। वहीं इस वजह से कई दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है।
सडक़ के निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद से ही गुणवत्ता को लेकर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा था। यही नहीं शिकायतों के बाद निर्माण के 6 माह बाद दिल्ली से पहुंची जांच टीम के द्वारा भी गुणवत्ताहीन निर्माण की पुष्टि की गई थी। आनन फनन में सुधार कार्य करने के बावजूद सडक़ पुन: यथा स्थिति में पहुंच चुकी है।
विदित हो कि नांदघाट से गिधौरी तक 91.228 किलोमीटर सडक़ का निर्माण करीब 223 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया था, परंतु निर्माण के 6 में बाद से ही बलौदाबाजार भाटापारा मार्ग 22 किलोमीटर का बड़ा हिस्सा किनारे से दबकर नालीनुमा संरचना में तब्दील हो गया था, जिसकी वजह से सडक़ में पानी भरने के कारण राजगीरों को सडक़ के गहरे होने का अनुमान नहीं लग पाता और वे दुर्घटना के शिकार होते हैं। यही स्थिति बलौदाबाजार से गिधौरी मार्ग की है यह मार्ग में भी कई स्थानों पर किनारो से बने के अलावा बीच-बीच में उखड़ चुका है। कई स्थानों पर सडक़ के किनारे पर्याप्त मुरूम का भराव ना होने के वजह से सडक़ का किनारा खतरनाक तरीके से कट चुका है जो आवागमन के दौरान हादसों को निमंत्रण दे रहा है।
जान जोखिम में डालकर कर रहे यात्रा
वर्तमान में गिधौरी से बलौदाबाजार तक इस मार्ग पर यातायात का दबाव अत्यधिक बढ़ गया है। मार्ग पर रायगढ़ कोरबा जांजगीर चंपा समेत अन्य राज्यों से भारी वाहन हाईवा ट्रेलर का 24 घंटे आवागमन होता है। कई स्थानों पर जर्जर सडक़ की वजह से हादसे भी घटित होते हैं। विशेष कर सडक़ों के बीच निर्मित छोटी पुल पुलिया के बीच व दोनों किनारो पर सडक़ पूर्णता धसी हुई है। जिसके चलते तेज रफ्तार छोटे बड़े वाहनों के अचानक उछलना से दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। यही स्थिति बलौदाबाजार भाटापारा मार्ग की है। प्रतिदिन इस मार्ग पर व्यापारी विद्यार्थी व आमजनों के अलावा अंबुजा सीमेंट संयंत्र में कार्यरत कर्मचारी दो पहिया से आवागमन करते हैं। जहां नालीनुमा सडक़ की वजह से आवागमन में अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वही मार्ग से अनजान दुपहिया चालक अक्सर दुर्घटना का शिकार होते हैं। यदि मार्ग की शीघ्र मरम्मत नहीं की गई तो दुर्घटनाओं के मामले में संवेदनशील इस सडक़ पर हादसों का आंकड़ा और अधिक बढऩे से इनकार नहीं किया जा सकता।
कुकुरदी बाईपास पर बिखरे रेत दे रहे हादसों को निमंत्रण
कुकुरदी बाईपास से करीब 100 मीटर दूर ग्राम कुकुरदी पहुंच मार्ग है। इस मार्ग का उपयोग ग्राम मुड़ीपार स्थित क्रेशर संचालकों द्वारा गिट्टी व रेत के परिवजन किया जाता है। कुकुरदी बाईपास से रिसदा पहुंच मार्ग पर इन वाहनों से गिरी हुई रेत व गिट्टी सडक़ पर बिक्री हुई है। जिसमें फिसल कर वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं। वहीं कुकुरदी पहुंच मार्ग पर नालीनुमा गड्ढा हादसों को निमंत्रण दे रहा है।