धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 13 फरवरी। कलेक्टर नम्रता गांधी ने कम्पोजिट भवन के पास आयोजित ’निदान’ कार्यक्रम में पहुंचकर दिव्यांगजनों से चर्चा की और उन्हें मिल रही शासन की योजनाओं की जानकारी ली।
इस मौके पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल में लगे अन्य विभागों के स्टॉलों का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर कलेक्टर ने दिव्यांगजनों को नि:शुल्क बस पास प्रदान करने के लिए यातायात विभाग के अधिकारियां को निर्देशित किया। गौरतलब है कि जिला प्रशासन एवं महावीर दिव्यांग सहायता समिति के संयुक्त तत्वावधान आज से 15 फरवरी तक ’’निदान’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण, यूडीआईडी कार्ड बनाने सहित शासन की अन्य योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। आज पहले दिन 85 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग, कैलिपर्स, सहायक उपकरण, मापन, वितरण, यूडीआईडी कार्ड का कार्य किया गया।
कैलिपर्स मिलने से चंचल अब सपनों को करेगी पूरा
निदान कार्यक्रम में आये दिव्यांगजनों को कैलीपर्स लगाये गये। इस शिविर में आयी कुमारी चंचल सोनी ने बताया कि बचपन से ही उसका दायां पैर नहीं है, लेकिन उसने कभी भी हार नहीं मानी। जीवन में आने वाली परेशानियां का डटकर मुकाबला किया। अभी वह एडजेक्ट फाउंडेशन दिव्यांग आवासीय विद्यालय में रहकर कक्षा 11 वीं की पढ़ाई कर रही है। चंचल की हिम्मत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, जिस काम को करने के लिए सामान्य व्यक्ति बार-बार सोचता है, उसे चंचल ने अपनी जिद से पूरा कर किया हैं।
चंचल बताती है कि उसने वर्ष 2022 में स्टीक की सहायता से हिमालय की चोटी पर चढ़ाई की है, जिसकी ऊंचाई 5363 है। वहीं वह एक अच्छी नृत्यांगन है, वह कई बार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं और वह एक ही पैर से नृत्य करती है। उसने कहा कि अब कैलिपर्स लग जाने से उसे चलने-फिरने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं अब वह अपने सपनों को पूरा कर सकेगी। दिव्यांगजनों की मदद हेतु आयोजित ऐसे निदान कार्यक्रम आयोजित करने के लिए चंचल ने जिला प्रशासन का धन्यवाद किया है।
ग्राम बेलतरा की रहने वाली कुमारी ज्योति ध्रुव की समस्या का निदान अब हो गया है। ज्योति के पिता भारत ध्रुव ने बताया कि बचपन से ही ज्योति को सुनने की समस्या है। इसी समस्या की वजह से उसने कक्षा 9 वीं तक पढाई कर पायी। ज्योति के पिता ने कहा कि पढ़ाई करने के लिए जब ज्योति स्कूल जाती थी, उसे कुछ सुनाई नहीं देता था, इस कारण वह पढ़ाई में भी कमजोर हो गयी। उन्होंने बताया कि निदान शिविर के जरिये उनकी बेटी ज्योति को श्रवण यंत्र मिल जाने से अब वह आगे की पढ़ाई जरूर करेगी और एक दिन स्वयं अपने पैरों पर खड़ी होगी। भारत ध्रुव ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब मेरी बेटी भी अन्य बच्चों की तरह खेल-कूद कर सकेगी। वहीं दूसरों की बातों को समझकर उसका जवाब भी दे पायेगी। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन का धन्यवाद किया है।
निदान कार्यक्रम के पहले दिन कुल 144 दिव्यांगजनों का पंजीयन किया गया, जिसमें से 33 दिव्यांगजनों को ट्रायसायकिल, 12 को व्हीलचेयर, 16 को श्रवण यंत्र, 19 को कृत्रिम हाथ-पैर, 5 को बैसाखी वितरित किया गया। साथ ही 25 लोगों का यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर प्रदाय किया गया।