बलौदा बाजार

डॉक्टर अंदर ही रहते हैं मरीज भले बाहर चिल्लाते रहें ...
15-Mar-2024 3:12 PM
डॉक्टर अंदर ही रहते हैं मरीज भले बाहर चिल्लाते रहें ...

अस्पताल के खुलने-बंद होने का कोई टाइम नहीं, मेडिकल स्टाफ की मनमर्जी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार , 15 मार्च। सुहेला से लगे आमकोनी गांव में आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र है। केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य गांव में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुविधा मुहैया कराना है, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। यहां स्टाफ की मनमर्जी चलती है। मन आया अस्पताल खोल दिया मान आया ताला लगा दिया। हालत यह है कि मरीज बाहर खड़े इलाज के लिए चीखते रहते हैं।

ओपीडी टाइम 10 बजे है। पर अस्पताल का ताला पौने  11 बजे के बाद खुला। लंच टाइमिंग 2 से 3 बजे तक है। अस्पताल में 2 बजे  ताला तो लगा गया लेकिन 3 बजे खुला नहीं।

इलाज के लिए लोगों की बाहर भीड़ लग चुकी थी, लोग दरवाजा खोलने के लिए चिल्ला रहे थे। समय होने के बाद भी स्टाफ दरवाजा नहीं खोल रहा था। फिर एक महिला ने आवाज लगाई, बताया कि मीडिया वाले आए हैं तो सीएमओ  तत्काल दरवाजा खोल बाहर आई। आनन-फानन में उसे महिला का इलाज किया। इसके बाद दूसरे लोगों का भी इलाज किया गया।

पानी का इंतजाम नहीं

आमाकोनी के उप स्वास्थ्य केंद्र में मरीज गर्मी में प्याज से तड़पते दिखे, पीने के पानी का यहां कोई इंतजाम नहीं। ऐसे में मरीज पानी के लिए भटकते रहे।

इंजेक्शन मुफ्त, फिर भी 50 ले रहे

मानिकपुर से आई महिला इंद्राणी ने बताया कि सरकारी अस्पताल में हम निशुल्क इलाज के लिए आते हैं। लेकिन यहां भी पैसे लिए जा रहे हैं। मुफ्त की इंजेक्शन के 50 लेते हैं।

बमुश्किल 10 था उसे भी ले कर ही मन

शुकून ने बताया कि डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाने के बाद पैसे मांगे, मैंने कहा यह अस्पताल सरकारी है। फिर भी किस बात के पैसे। वो नहीं मानी। मेरे पास बमुश्किल 10 थे, वही दिया।

जब कभी दवाई लेने जाओ मिलती ही नहीं

एक अन्य व्यक्ति फूलेचंद यदु ने बताया कि अस्पताल में जब कभी दवाई लेने जाओ मिलती नहीं, मजबूरन हमें प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवाइयां महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती है। बिना दवाइयां बेहतर स्वास्थ्य सुविधा कैसे मुहैया करेंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जरूरी दवाइयां का स्टॉक अस्पताल में हमेशा उपलब्ध करवाई

शिकायत नहीं मिली है, अब पता करवाता हूं -बीएमओ

सिमगा के बीएमओ पारस पटेल  का कहना है कि  शनिवार को मीटिंग रहती है रविवार सोमवार मंगलवार को पोलियो ड्यूटी पर था ओपीडी समय में अस्पताल बंद रहने की शिकायत अब तक किसी ने नहीं की है। इंजेक्शन के लिए पैसे लेने वाली बात का पता करवाता हूं यहां तक स्टाफ बदलने की बात है तो वह शासन प्रशासन का विषय है।

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