बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 22 मार्च। मानव सुविधाओं में सबसे बड़ी सुविधा और अहम आवश्यकता है स्वास्थ्य सुविधा है,क्योंकि स्वास्थ्य का संकट सीधे मनुष्य के अस्तित्व पर प्रहार करता है, इसलिए इस सुविधा का दिनों दिन विस्तार एवं जन सामान्य तक पहुंच नितांत आवश्यक होता है।
किसी भी सरकार की संवेदनशीलता और सफलता इसी पैमाने के आधार पर आंकी जाती है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर उसकी क्या प्राथमिकता है। इस लिहाज से देखा जाए तो सरकार द्वारा लागू की गई आयुष्मान भारत योजना सरकार की संवेदनशीलता और इस दिशा मे गंभीरता को परिभाषित करती हुई प्रतीत होती है, क्योंकि यह ऐसी योजना है जिसमें सालभर मे पांच लाख की चिकित्सीय मदद की सुविधा है और निजी अस्पतालों में भी इलाज का प्रावधान है, लेकिन वह अस्पताल इस योजना के लिए चिन्हांकित होना चाहिए, यही प्रावधान भाटापारा क्षेत्र के लिए दुखदायी साबित हो रहा है एवं इस महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना से क्षेत्र वंचित नजर आ रहा है।
वृहद सरोकारों के शहर भाटापारा जिसकी पहचान एक समृद्ध व्यापारिक शहर के रुप में होने के साथ ही आयोजन एवं धार्मिक आयामों में भी विशिष्ट स्थान है,लेकिन जन सुविधाओं की उपलब्धता के नजरिये से इस क्षेत्र को देखा जाए तो क्षेत्र बहुत पीछे खड़ा नजर आता है। व्यापक जन सरोकार वाले शहर मे स्वास्थ्य योजना आयुष्मान योजना जैसी अत्यंत आवश्यक एवं संवेदनशील योजना का क्रियान्वयन मात्र एक निजी अस्पताल में होता हुआ नजर आता है, वह अस्पताल भी अस्थि से जुड़ा प्रकल्प है। जाहिर है अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भाटापारा में आयुष्मान का कोई संबल नहीं है चिकित्सीय विपदा के समय कोई राहत नहीं है।
जन सरोकारों के मसले पर सदैव सक्रियता का अनुसरण करने वाली सेवा सम्मान एवं सौहार्द के सूक्ति वाक्य से संचालित सरयू साहित्य परिषद द्वारा सर्वजन से जुड़े इस पीड़ा एवं परेशानी को महसूस करते हुए संघर्ष का पथ अख्तियार किया गया है, एवं एक हजार से अधिक जन हस्ताक्षरित ज्ञापन विधायक इंद्र साव को सौंपा गया एवं मांग की गयी कि सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना का क्रियान्वयन नजर आये। ज्ञापन देने प्रमुख रुप से गौरीशंकर शर्मा,मुकेश शर्मा,अजय तिवारी,हरिहर शर्मा दिनेश शर्मा एवं हलधर महाराज प्रमुख रुप से उपस्थित थे।