बेमेतरा

15 दिन में शिवनाथ नदी का जलस्तर 5 फीट नीचे, शहर का वाटर लेवल 25 फीट नीचे गिरा
01-Apr-2024 2:51 PM
15 दिन में शिवनाथ नदी का जलस्तर 5 फीट नीचे, शहर का वाटर लेवल 25 फीट नीचे गिरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 1 अप्रैल। भीषण गर्मी की वजह से तालाब, नदी, कुएं व ट्यूबवेल का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। गर्मी की वजह से शिवनाथ नदी का जलस्तर भी लगातर कम हो रहा है। 15 दिन के अंदर शिवनाथ नदी का पानी करीब 5 फीट कम हुआ है। जिला मुख्यालय के रहवासियों के लिए ग्राम अमोराघाट में शिवनाथ नदी का पानी फिल्टर कर उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान स्थिति में करीब 30 दिन का पानी ही नदी में बचा हुआ है। दूसरी तरफ गर्मी के दिनों में पानी बचाने के लिए नगर पालिका द्वारा कारगर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से रोजाना हजारों लीटर पानी नालियों में बह जाता है।

जानकारी हो कि जिले के 40 फीसदी से अधिक रहवासी पहले से ही मीठे पानी की कमी से जूझ रहे हैं। बचे 60 फीसदी रहवासियों को मीठा पानी उपलब्ध हो रहा है। उन्हें भी शहर में हो रहे पानी की बर्बादी की स्थिति को देखते हुए एक से डेढ़ माह ही मीठा पेयजल मिल सकेगा। अमोराघाट में शिवनाथ नदी का पानी तेजी से कम हो रहा है। बेमेतरा पेयजल आवर्धन योजना के तहत बनाए गए इंटकवेल के तीन वाल पाइंट में से केवल एक वाल पाइंट तक ही पानी है। बचे दो वाल पाइंट जलस्तर से उपर हो चुके हैं। अनुमानित तौर पर नदी में अभी 15 फीट जलभराव की स्थिति है। जिले में रोजाना पानी की खपत को देखते हुए उपलब्ध जलभराव से एक से डेढ़ माह ही पानी लोगों को मिल सकेगा, जिसे देखते हुए शहर के अंदर बेकार बह रहे पानी को बचाने की जरूरत महसूस की जा रही है।

फेस वन में 21 करोड़ 24 लाख खर्च हुए थे

खारापानी प्रभावित जिला मुख्यालय के 30 हजार से अधिक बासिंदों को रोजाना मीठा पानी उपलब्ध कराने के लिए बेमेतरा जल आवर्धन योजना के तहत 2012 के दौरान फेस वन में 1655 लाख से अधिक व्यय हुआ था। फिर 2019 के दौरान 2126 लाख का बजट स्वीकृत किया गया था। इसके बाद भी अभी भी योजना का लाभ शहर के सभी 21 वार्ड के लोगों को उपलब्ध कराने के लिए अधिक बजट की दरकार है। माना जाए तो आवर्धन योजना पहले ही शहर की आधी आबादी तक पहुंची है, जिन्हें पानी नहीं बचा पाने की स्थिति में जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है।

शहर के अंदर भी जलस्तर गिरने लगा

शहर के 21 वार्डों में 170 से अधिक सिंगल फेस पंप से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। बीते 10 दिनों के दौरान शहर में जलस्तर गिरने की वजह से सिंगल फेस पंप का वाटर लेबल कम होता जा रहा है। शहर के अंदर करीब 20 से 35 फीट जलस्तर नीचे जा चुका है।

पाइप का लीकेज बंद करने की जरूरत 

शहर के अंदर निजी व सार्वजनिक पेयजल सप्लाई के लिए 3 पानी टंकी व 160 से अधिक पावर पंप लगाए गए हैं। पानी टंकी व पावर पंप से लोगों के घर तक पानी पहुंचाने के लिए लगी पाइप लाइन में सैकड़ों की संख्या में लीकेज हैं, जिससे रोजना हजारों लीटर पानी बेकार बह जाता है। इसके आलावा पानी टंकियों में ओवरफ्लो होने की स्थिति में भी भारी मात्रा में पानी बह जाता है। बेकार बहने वाले पानी को रोकने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है। जानकार मोहन वर्मा ने बताया इस दिशा मेें शहर में गर्मी के मौसम को देखते हुए अभियान चलाया जाना चाहिए। साथ ही शहर की सडक़ों के नीचे दबीं पुरानी और बड़ी पाइपलाइनों में विभिन्न स्थानों पर लीकेज की स्थिति है। कवर्धा रोड, पालिका बाजार व थाना के सामने, कालेज रोड व दुर्ग रोड में विभिन्न स्थानों पर पाइप फूटने की शिकायत है।

लोगों से नलों में टोटी लगाने की जा रही अपील

नगरपालिका सीएमओ भूपेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि नल व पाइपलाइन लीकेज को दूर किया जा रहा है। कुछ पाइपलाइन पीएचई का है, जिसमें लीकेज है। साथ ही खुले नलों में टोटी लगाने के लिए लोगों से अपील की जा रही है।

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