बेमेतरा

पानी टंकी निर्माण के एक साल बाद भी जलापूर्ति नहीं
03-Apr-2024 2:29 PM
पानी टंकी निर्माण के एक साल बाद भी जलापूर्ति नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 3 अप्रैल। विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कठिया में गर्मी शुरू होने के साथ गंभीर जल संकट गहराने लगा है। आलम यह है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद ग्रामीणों को एक बूंद भी पानी नहीं मिल पा रहा है। इससे ग्रामीणों में खासी नाराजगी है। ग्रामीणों के अनुसार केंद्र सरकार की इस महत्वाकांयोजना को अधिकारी व जनप्रतिनिधि पलीता लगाने में जुटे हुए हैं।

ग्रामीणों के अनुसार योजना से फायदा नहीं, बल्कि नुकसान अधिक हुआ, सडक़ खोदकर छोड़ी। कार्य की पूर्णता को लेकर सरपंच व सचिव संतोषजनक जवाब देने की स्थिति में नहीं है। पानी टंकी का निर्माण पूर्ण हुए साल भर से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है।

सरपंच व सचिव की निष्क्रियता उजागर

इस मामले में सरपंच व सचिव की निष्क्रियता उजागर हुई है। जिसमें साल भर से अधिक समय बीत जाने के बवजूद पानी की आपूर्ति शुरू नहीं होने पर सरपंच सचिव ने पीएचई के अधिकारियों से मुलाकात करना भी मुनासिब नहीं समझा। आलम यह है कि सचिव के पास ठेकेदार के नाम व संपर्क नंबर की जानकारी नहीं है। एक भी लिखित शिकायत संबंधित विभाग में नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में विभाग के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।

ठेकेदार ने नल कनेक्शन की नहीं दी जानकारी

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के गिनती के घरों में नल कनेक्शन किया गया है। टंकी के पास के घरों में नल कनेक्शन हुआ है, जबकि टेल एरिया के घरों में एक भी नल कनेक्शन नहीं किया गया है। सचिव ने बताया कि ठेकेदार ने गांव के कितने घरों में नल कनेक्शन किया है इसकी जानकारी नहीं दी है। वहीं इसका भौतिक सत्यापन भी नहीं कराया है।

5 हजार की आबादी को सिर्फ 4 पॉवर पंप से जलापूर्ति, 8 पंप बंद पड़े

फिलहाल गांव में जलापूर्ति पावर पंप से हो रही है। जानकारी के अनुसार गांव में कुल 12 सरकारी पावर पंप है। जिसमें से सिर्फ चार पंप से ही पानी आपूर्ति हो रही है। ऐसी स्थिति में 5 हजार की आबादी वाले इस गांव में जल संकट घराने लगा है। वाटर लेवल गिरने के साथ-साथ पंप जवाब देने लगे हैं।

गांव की महिलाएं परेशान हैं जो अपना सारा काम छोडक़र पावर पंप से पानी भरने पहुंचती है। यहां महिलाओं की भीड़ की वजह से विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है।

निर्माण के 1 साल बाद भी पानी टंकी से बोर कनेक्शन को नहीं जोड़ा 

‘छत्तीसगढ़’ की पड़ताल में बड़ी गड़बडिय़ां उजागर हुई है। जिसमें मुख्य रूप से गुणवत्ताहीन पानी टंकी का निर्माण किया गया है। वहीं पानी टंकी को भरने के लिए किए गए बोर का कनेक्शन अब तक पानी टंकी से नहीं जोड़ा गया है। ऐसी स्थिति में पानी टंकी में पानी नहीं भरने पर जलापूर्ति नहीं हो पा रही है।

खर्च से अधिक लागत की सडक़ों को खोदा

ग्रामीण महेश ने बताया कि गांव में पाइप लाइन बिछाने के दौरान सडक़ को खोदकर छोड़ दिया गया है। हालत यह है कि गांव की सभी सडक़ों को खोद दिया गया है। इसके अलावा कई स्थानों पर नाली को भी नुकसान पहुंचाया गया है। सचिव जीवन राम साहू के अनुसार गांव में जल जीवन मिशन पर हुए खर्च से अधिक लागत की सडक़ों को खोद दिया गया है। नियमानुसार इन सडक़ों की मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की है, जो अब तक नहीं किया गया है।

विभाग के इंजीनियर की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

विभाग की मॉनिटरिंग टीम होने के बावजूद इस तरह की गड़बड़ी उजागर होने से अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां अधिकारी व ठेकेदार की संलिप्तता साफ उजागर हो रही है। जहां पानी टंकी का निर्माण साल भर से अधिक समय होने के बावजूद जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है।

ऐसी स्थिति में विभाग के इंजीनियर के कार्य मूल्यांकन व मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस संबंध में विभाग के कार्यपालन अभियंता से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

जानकारी लेकर सुधार के दिए जाएंगे निर्देश

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि इस संबंध में विभाग के कार्यपालन अभियंता से जानकारी ली जाएगी और व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए जाएंगे। यहां जलापूर्ति शुरू करने को लेकर हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

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