बलौदा बाजार
गिरोह बनाकर फंसाते थे सुनियोजित तरीके से
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 4 अप्रैल। भयादोहन कर झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते हुए लाखों की वसूली करने के मामले में बुधवार को पुलिस ने तीन और आरोपियों दुर्गा टंडन, प्रत्यूष उर्फ मोंटी मरईया बलौदाबाजार, रवीना टंडन बिल्हा को गिरफ्तार किया है। वहीं पूर्व में ही एक अन्य आरोपी महान मिश्रा को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी गिरोह बनाकर योजनाबद्ध तरीके से अमीर लोगों को बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी देकर रुपए वसूल करते थे और सब की अलग-अलग भूमिका तय होती थी।
कथित पुलिस कर्मियों की संलिप्त का नहीं हो सका खुलासा
पत्रकारवार्ता के दौरान एसपी अविनाश ठाकुर ने बताया कि आरोपी प्रत्यूष उर्फ मोंटी मरईया व उसकी पत्नी दुर्गा टंडन टारगेट बनाए गए व्यक्ति के पास पहुंचकर स्वयं को संबंधित युवती के भैया-भाभी होने की बात कहकर मामले की शिकायत पुलिस में करने की धमकी देते थे और बाद में रुपए का लेनदेन करते थे।
इस संबंध में पत्रकार द्वारा मामले में एक कथित निरीक्षक व आरक्षक की संलिप्ता का अब तक खुलासा नहीं होने के पूछे गए प्रश्न पर श्री ठाकुर ने कहा कि गिरोह का मुख्य सरगना अब तक फरार है। उनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यदि किसी भी पुलिसकर्मी का नाम सामने आता है तो संबंधित पर भी कार्रवाई आवश्यक की जाएगी।
उगाही की रकम से खरीदी स्कूटी-जेवर जब्त
फिलहाल पुलिस द्वारा आरोपी मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरईया के घटना में प्रयुक्त स्कूटी क्रमांक सीजी 22 वी 7598 को अन्य आरोपियों से उगाही के रुपए से खरीदे हुए पांच सोने की अंगूठी एवं एक चांदी की पायल को जब्त कर सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल किया गया है। अभी तक पुलिस की जांच में गिरोह द्वारा भयादोहन कर एक 41 लाख रुपए की वसूली की बात सामने आई है। गिरोह का मास्टरमाइंड एवं सरगना शिरीष पांडे पुष्पामाला फेकर के अलावा रुपए के लेनदेन में शामिल एक कथित पत्रकार फरार है।
महिला को भेजते थे पीडि़तों के घर
एसपी अविनाश ठाकुर ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि पीडि़तों से पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है कि मुख्य सरगना शिरीष पांडे, मंजूलता फेकर, मोंटी प्रत्यूष मरईया, दुर्गा टंडन, अधिवक्ता महान मिश्रा व अन्य आरोपियों द्वारा महिलाओं को पीडि़तों के घर में भेजा जाता था।
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इस तरह फंसाते और धमकाते थे पैसे वालों को
पुलिस ने बताया कि आरोपी सुनियोजित तरीके से बलौदाबाजार शहर एवं विभिन्न शासकीय एवं प्राइवेट से सेवाओं से सेवानिवृत्ति हुए पैसे वाले लोगों को अपने झांसे में लाते थे।
एसडीओपी निधि नाग एवं निरीक्षक अजय झा द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों की अलग-अलग भूमिका सामने आई है। मुख्य सरगना एवं मास्टरमाइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर मिलकर धनाड्य एवं शौकीन लोगों को करते थे। इसके पश्चात शिरीष पांडे अपनी राजनीतिक पहुंच एवं पहचान का प्रभाव दिखाते हुए उनसे मेलजोल बढ़ाकर उन्हें लडक़ी उपलब्ध कराने का झांसा देता था। एक बार झांसे में आने के बाद पीडि़त का भयादोहन किया जाता था।
मोंटी एवं दुर्गा दोनों बलौदाबाजार के निवासी हैं। इस कारण लोगों को आसानी से टारगेट बना लेते थे और उन्हें फंसाने के लिए आने वाली युवतियों के बलौदा बाजार शहर में रहने खाने एवं अन्य सुविधाओं का इंतजाम करते थे। तत्पश्चात उसे टारगेट से युवती के मिलने के बाद उस युवती को महिला संबंधित अपराध का प्रार्थी बताते हुए थाने में रिपोर्ट करने के लिए ले जाने का नाटक किया करते थे।
इस दौरान मोंटी और दुर्गा संबंधित युवती के रिश्तेदार बनाकर पीडि़तों को धमकाते थे। जबकि गिरोह की महिला हीराकली टारगेट को फंसाने के लिए लडक़ी का इंतजाम कर उसके पास भेजती थी। वहीं कथित पत्रकार आशीष शुक्ला अपने पत्रकारिता की आड़ में पीडि़त को पूरे मामले की खबर सोशल मीडिया वेब पोर्टल में प्रकाशित करने की धमकी देकर वसूली किया करता था।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि आरोपी कथित पत्रकार आशीष शुक्ला द्वारा एक पीडि़त को धमकाकर 1.25 लाख रुपए की मांग की थी, जिससे घबराकर पीडि़त ने पत्रकार के दुकान में जाकर 75 हजार रुपए का भुगतान भी किया था।
अपनी राजनीतिक पहुंच का धौस देते थे आरोपी
मामले के आरोपी छुटभैया नेता शिरीष पांडे व महान मिश्रा एक क्षेत्रीय दल में अपने रसूख का धौंस देकर पीडि़तों से उगाही करते थे और वसूली की गई रकम को संभालने एवं आपस में बंटवारा करने का काम करते थे। शहर के प्रमुख स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स में अपनी फोटो राजनीतिक दल के साथ लगाकर यह बेखौफ़ अपनी गतिविधि को अंजाम देते थे।