बेमेतरा

अभिभावक भुगतान का बिल जरूर लें, मनमानी फीस वृद्धि की कर सकते हैं शिकायत
05-Apr-2024 4:02 PM
अभिभावक भुगतान का बिल जरूर लें, मनमानी फीस वृद्धि की कर सकते हैं शिकायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 अप्रैल।
नया शैक्षणिक सत्र प्रांरभ होने के साथ ही एक बार फिर स्कूलों में कक्षाएं लगनी शुरु हो चुकी हैं। नए सत्र के साथ ही निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के पालकों को ट्यूशन फीस, पुस्तक, कॉपी, बैग, वाहन खर्च व गणवेश पर मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी। जिले में 170 निजी स्कूल हैं, जिसमें बेमेतरा ब्लॉक में 50, बेरला में 37, साजा 51 व 32 स्कूलें नवागढ़ ब्लॉक में हैं। 170 स्कूलों में 7 स्कूल सीबीएसई व 163 स्कूल सीजी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं।

स्कूलों की सकल फीस में मनमाने तरीके से इजाफा किए जाने पर पालकों को जागरूक रहने की जरूरत है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 शुरू होने के साथ ही जिले के शासकीय व अशासकीय स्कूलों में कक्षाएं लगने लगी हैं। नया सत्र प्रारंभ होने के साथ ही स्कूलों में बढ़ी हुई फीस व अन्य सामानों की खरीदी के लिए मोटी रकम खर्च करनी होगी। इससे पालकों की जेबें ढीली होंगी। पत्रिका द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार जिले के निजी स्कूलों में सालाना न्यूनतम फीस हजारों में हैं।

जिले मेें 170 निजी स्कूल, जिसमें 8 केंद्र से मान्यता प्राप्त 
जिले में 170 निजी स्कूल हैं, जिसमें 8 केन्द्रीय बोर्ड व 162 सीजी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। निजी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर कक्षा बारहवीं तक 26845 विद्यार्थी बीते सत्र के दौरान अध्ययनरत थे, जिसमें 15489 छात्र व 11356 छात्राएं शामिल हैं।

संबंधित स्कूल का नोडल अफसर है जिम्मेदार
मामले के जानकार योगेश कुमार साहू ने बताया कि निजी स्कूलों पर निगरानी रखने व शिक्षा के अधिकार के तहत भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण कराने के लिए नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाती है। अगर किसी निजी स्कूल द्वारा मनमाने तरीके से फीस में इजाफा किया जाता है तो नोडल अधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत कर सकते हैं। स्कूलों द्वारा सकल फीस की रसीद पालकों को देना अनिवार्य है। पालक स्कूलों में किए गए शत-प्रतिशत भुगतान की रसीद जरूर प्राप्त करें।

नहीं हुई है शिकायत, कार्रवाई व जांच भी निरंक 
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 5 साल में फीस में बढ़ोतरी, पुस्तक, कॉपी, बैग व गणवेश थमाए जाने की एक भी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है, जिसकी वजह से लंबे अर्से से पालकों के मौन साधने की वजह से कार्रवाई शून्य है।

8 फीसदी से अधिक फीस वृद्धि नहीं कर सकते 
निजी स्कूलों की फीस को लेकर 2020 में छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के तहत प्रावधान किया गया है, जिसके अनुसार निजी स्कूल प्रबंधन एक सत्र में फीस में बढ़ोत्तरी एक बार में अधिकतम 8 फीसदी कर सकता है, जिसका अनुमोदन विद्यालय की फीस समिति द्वारा किया जाना है। 8 फीसदी से अधिक इजाफा होने पर जिला स्तरीय फीस विनियमन समिति के पास अनुमोदन करना होगा।

एक नजर आंकड़ों पर
निजी स्कूलों की संख्या -170, स्कूलों में कुल अध्ययनरत विद्यार्थी 26845, स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों की संख्या 15489, स्कूलों में अध्ययनरत छात्राओं की संख्या 11356। 

पालकों को इसे जानने की जरूरत 
पालकों के लिए मनमानी फीस बढ़ाए जाने के बाद दूसरी समस्या है बच्चों के स्कूल बैग का वजन। चिल्ड्रन स्कूल बैग एक्ट के तहत बच्चों का स्कूल बैग बच्चों के कुल वजन का 10 फीसदी हो सकता है। प्रावधान के तहत नर्सरी व केजी स्तर की कक्षाओं को बैगलेस किया जाना है। इसके भी नियम का पालन नहीं किए जाने पर स्कूल को जुर्माना देना पड़ सकता है। क्लास एक व दो तक के बच्चों के लिए बैग का वजन 3 किलो, कक्षा 3 से 4 तक 4 किलो, कक्षा 5 से 6 तक के बैग का वजन 7 किलो, कक्षा 7 से 8 तक के बच्चों के स्कूल बैग का वजन 11 किलो तक होना चाहिए। बहरहाल नए सत्र के साथ ही स्कूल लगने लगी हैं। स्कूल प्रारंभ होने के साथ ही आर्थिक बजट गड़बड़ाने का डर पालकों को सताने लगा है।
 

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