बेमेतरा

ओला व बारिश से फसल नुकसान के 20 दिन बाद भी सर्वे नहीं
06-Apr-2024 2:15 PM
ओला व बारिश से फसल नुकसान के 20 दिन बाद भी सर्वे नहीं

अब तक 230 में से 128 गांवों में ही सर्वे 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 अप्रैल।
जिले में मार्च माह में हुए असमय बारिश की वजह से हुए फसल नुकसान आंकलन का सर्वे का आदेश के 20 दिन बाद भी पूर्ण नहीं हो पाया है। जिले में अब तक 230 गांव में से 128 गांव का फसल नुकसान का सर्वे किया जा सका है। अभी भी 102 गांव में सर्वे किया जाना बाकी है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा अलग-अलग गांव में हुए संभावित नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए 62 करोड़ की राशि के लिए शासन को मांग पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है।

जानकारी हो कि जिले के बेमेतरा, थानखम्हरिया, नवागढ़ व साजा तहसील में बिते 17 से 19 मार्च के मध्य हुए असमय ओला गिरने व बारिश की वजह से सब्जी, फल, गेंहू, चना व अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। नुकसान को देखते हुए 18 मार्च को ही संचालनालय कृषि विभाग के संयुक्त संचालक द्वारा मौसम की वजह से हुए रबी फसल को हुए नुकसान की सर्वे के लिए राजस्व, कृषि विभाग की संयुक्त टीम का गठन कर 23 मार्च तक जानकारी विभाग को निर्धारित फार्मेट में उपलब्ध कराने के लिए निर्देश जारी किया गया था। इसके बाद जिले में बीमा कंपनी व दोनों विभाग के प्रतिनिधियों द्वारा 230 गांव के लिए सर्वे की प्रक्रिया प्रारंभ किया गया था। आज 20 दिन पश्चात 128 गांव का ही सर्वे हो पाया है। जिसमें 39132 किसानों के खेत में जाकर फसल की स्थिति को देखते हुए सर्वे किया गया है। जिले में क्षति के बाद जिले के 68 हजार से अधिक किसानों ने बीमा कंपनी के पास ऑनलाइन सूचना दर्ज कराया है। कृषि विभाग के उपसंचालक एमडी डडसेना ने बताया कि आने वाले 7 दिन में सर्वे का काम पूर्ण कर लिया जाएगा।

मौसम ने दो बार दिया है झटका, फसल हुआ चौपट 
किसान भगवानी वर्मा, अनिल सिन्हा, मोहन वर्मा, सूरज सिन्हा ने बताया कि जिले में मौसम ने इस सीजन में एक महिने के दौरान दो बार झटका दिया है। पहले फरवरी माह में फिर मार्च के महिने में ओला गिरने, आंधी तूफान के साथ हुए बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ था ।

फसल आई तो दाम गिरने लगा बाजार में  
किसानों ने जैसे-तैसे फसल कटाई कर बाजार में बेचना शुरू कर दिया है। मौसम की वजह से प्रभावित फसल की क्वॉलिटी कमजोर होने की वजह से बाजार में बिते साल की अपेक्षा इस बार दोनों अनाज में 300 से लेकर 500 रूपये तक दाम में गिरावट आई है। किसान प्रकाश वर्मा ने बताया कि गेंहू 2000 रूपया क्विंटल और चना करीब 4000 रूपया के दाम से खरीदा जा रहा है। बहरहाल फसल नुकसान होने के बाद बीमा का क्लेम राशि व क्षतिपूर्ति मिलने का किसानों को इंतजार है।

किसानों को नुकसान, क्षतिपूर्ति के लिए 62.37 करोड़ की मांग
राजस्व विभाग द्वारा आर बीसी 6-4 के तहत जिले के बेमेतरा, थानखम्हरिया, साजा, नवागढ़ नांदघाट, बेरला, भिभौरी समेत सभी तहसील क्षेत्र में मकान व फसल क्षति की प्रतिपूर्ति के लिए 62 करोड़ 37 लाख का मांग पत्र शासन को प्रस्तुत किया गया है। जिले में मौसम की वजह से थानखम्हरिया तहसील क्षेत्र में 6 मकान क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसके मुआवजे के लिए 80 हजार का डिमांड तैयार किया गया है। इसके अलावा जिले में कहीं भी मकान या अन्य क्षति की जानकारी नहीं है। जिले में असमय मौसमी तेवर की वजह से फसल नुकसान अधिक हुआ है। जिसमें बेेमेतरा तहसील में 14495 किसान, दाढ़ी में 13814 किसान, साजा में 22477 किसान, देवकर में 7373 किसान, थानखम्हरिया तहसील में 22550 किसान, नवागढ़ तहसील में 20990 किसान, नांदघाट क्षेत्र में 16900 किसान, बेरला में 1001 किसान एवं सबसे कम भिभौरी तहसील में 94 किसानो को फसल नुकसान हुआ है। जिले में 50632.95 हेक्टेयर में फसल को क्षति पहुंचा है जबकि जिले में रबी सीजन में अनाज में शामिल गेंहू का रबका 60656 हेक्टेयर, चना 65150 हेक्टेयर, मसूर 4000 हेक्टेयर, तिवरा 28 हजार हेक्टेयर का फसल लिया गया है। जिले में अनाज ,दलहन, तिलहन व अन्य फसलों का कुल रकबा 168533 हेक्टेयर का है, जिसमें से प्रमुख फसलों को मौसम की वजह से भारी नुकसान हुआ था।
संयुक्त कलेक्टर अंकिता गर्ग ने कहा कि जिले में फसल क्षति के लिए आरबीसी 6-4 के तहत प्रकरण तैयार कर अनुमानित नुकसान के लिए 62 करोड़ 37 लाख का मांग पत्र शासन को प्रस्तुत किया गया है।

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