महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,7अप्रैल। मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल के ठीक सामने खाली पड़ी जमीन में अब 80 बेड का क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक बनेगा। जिसमें अति गंभीर मरीजों का उपचार हो सकेगा। इस अस्पताल के लिए ड्राईंग डिजायन भी फायनल हो चुका है। लेकिन नहर से लगा होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन ड्राइंग में संशोधन के लिए कलेक्टर से बैठक करने की बात कह रहा है। है। संभवत: कल सोमवार को ड्राइंग में संशोधन के बाद काम भी शुरु हो जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार 60 करोड़ की लागत से जिला अस्पताल का उन्नयन होना हैं। जिसमें वर्तमान भवन के ऊपर एक मंजिला और निर्माण सहित अस्पताल के सामने पेड़ वाली जगह नहर से लगकर क्रिटिकल केयर अस्पताल बनाया जाना है। सप्ताह भर से पूर्व यहां कुछ पेड़ों को इसी उद्देश्य को लेकर काटा गया था। जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल का भवन पूर्व सेटअप के अनुसार बना हुआ है। लेकिन मेडिकल कॉलेज बनने के बाद से यहां अनेक सुविधाओं में इजाफा हुआ। उन सुविधाओं को अमल में लाने के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त जगह नहीं है। जहां वर्तमान भवन खड़ा हुआ है, उसके बांए ओर कोविड काल के समय ही नर्सिंग प्रशिक्षण तथा मेडिकल कॉलेज का क्लास लगती है। वहीं इसके पीछे टीबी और नशा मुक्ति विभाग का दफ्तर संचालित हो रहा है।
मेडिकल कॉलेज के दाहिने और 10 बेड का बुजूर्गों के लिए केयर केन्द्र तथा इससे लगा हुआ चर्म एवं रतिज विभाग का अलग ही अस्पताल बनाया गया है। साथ ही अस्पताल के ठीक पीछे आयुर्वेद अस्पताल तथा होम्योपैथी अस्पताल, एक्सरे, सोनोग्राफी संचालित है।
जिला अस्पताल के प्रथम तल के ऊपर एक और तल का निर्माण किया जाएगा। जिसमें आगजनी से घायल मरीजों सहित कैंसर तथा अन्य गंभीर रोगों के उपचार के लिए वार्ड बनाए जाएंगे। पूर्व में जहां आगजनी मरीजों के लिए वार्ड बनाए गए थे, उसमें वर्तमान में डायलिसिस की सुविधा शुरु की गई है।
ड्रॉइंग को बदलने पर विचार
बसंत कुमार माहेश्वरी मेडिकल सुप्रीडेंड का कहना है कि 60 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल का उन्नयन किया जाना है। इसके लिए ड्राइंग फायनल हो चुका है। लेकिन जगह की कमी को लेकर ड्राइंग में आंशिक परिवर्तन के लिए कलेक्टर से चर्चा की जाएगी। इसके बाद काम शुरु हो जाएगा। यहीं प्राइवेट अस्पताल की तरहही सुविधा होगी। ऐसी स्थिति में अब अस्पताल के पास केवल जहां कैं टिन या पार्किंग क्षेत्र हंै, यही स्थान शेष है। इसके बाद दीवार से लगकर नहर है। वर्तमान ड्राइंग के मुताबिक यदि अतिरिक्त अस्पताल ब्लॉग का निर्माण होता है तो यहां पार्किंग की सुविधा सहित एम्बुलेंस आदि वाहनों के आवाजाही के लिए जगह ही नहीं बचेगी। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को असुविधा होगी। इसे देखते हुए ड्रॉइंग को बदलने पर अस्पताल प्रबंधन विचार कर रहा है।