कोण्डागांव
![कोंडागांव ने प्राप्त किया शत-प्रतिशत सिकलसेल स्क्रीनिंग का लक्ष्य कोंडागांव ने प्राप्त किया शत-प्रतिशत सिकलसेल स्क्रीनिंग का लक्ष्य](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718902331-5.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 20 जून। कोंडागांव जिले ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए सिकल सेल एनीमिया की शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग का लक्ष्य पूरा कर लिया है। यह उपलब्धि राज्य और जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय समुदाय के सहयोग से संभव हो पाई है। जिले में कुल 5 लाख 31 हजार 899 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 11 हजार 322 सिकलसेल वाहक एवं 675 सिकलसेल रोगियों की पहचान की गई। विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर इन्हें जेनेटिक कार्ड तथा पौष्टिक आहार भी प्रदान किए गए।
जागरूकता और पहल
इस उपलब्धि के लिए जिले में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने ग्राम स्तर पर शिविर आयोजित किए और समुदाय के लोगों को इस बीमारी के लक्षण और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी दी। स्थानीय पंचायतों और स्वयंसेवी संगठनों ने भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई।
सामुदायिक सहयोग
कोंडागांव जिले के प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य कर्मियों ने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की और सिकल सेल एनीमिया के संभावित मामलों की पहचान की। इस पहल के तहत विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं की जांच पर जोर दिया गया। इस प्रयास के परिणामस्वरूप, प्रारंभिक अवस्था में ही इस बीमारी का पता चल सका और समय पर उपचार शुरू किया जा सका। कोंडागांव जिले की यह उपलब्धि सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इससे न केवल इस गंभीर बीमारी की पहचान और उपचार में मदद मिलेगी, बल्कि इससे प्रभावित लोगों की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से 19 जून 2024 को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सिकल सेल एनीमिया के लिए सभी लोगों की स्क्रीनिंग सुनिश्चित करना है ताकि समय पर निदान और उपचार हो सके।
सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य रूप से गोल की बजाय हंसिये (सिकल) के आकार की हो जाती हैं। यह स्थिति ऑक्सीजन परिवहन को बाधित करती है और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि अनीमिया, संक्रमण, और अंगों को नुकसान। इस बीमारी के लक्षणों में कमजोरी, दर्द, और संक्रमण का उच्च जोखिम शामिल हैं।
सिकल सेल एनीमिया की जांच की यह पहल सरकार की इस बीमारी से प्रभावित लोगों को बेहतर जीवन गुणवत्ता देने के लिए है। इसमें नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग, नियमित स्वास्थ्य जांच, और आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। इस कार्यक्रम के तहत, सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है, कि वे अपने क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग सुनिश्चित करें और आवश्यक उपचार उपलब्ध कराएं, महत्वपूर्ण कदम से देश में सिकल सेल एनीमिया के मामलों की शीघ्र पहचान और प्रभावी उपचार संभव हो सकेगा, जिससे इस बीमारी से होने वाली जटिलताओं को कम किया जा सकेगा और प्रभावित लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार किया जा सकेगा।