सरगुजा

आरोपियों की दोषसिद्धि के लिए फिंगरप्रिंट महत्वपूर्ण व वैज्ञानिक साक्ष्य
22-Jun-2024 9:18 PM
आरोपियों की दोषसिद्धि के लिए फिंगरप्रिंट महत्वपूर्ण व वैज्ञानिक साक्ष्य

5 दिनी रेंज स्तरीय फिंगरप्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 22 जून।
नेशनल आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के तहत पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को 5 दिवसीय रेंज स्तरीय फिंगरप्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला शनिवार को पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंकित गर्ग की उपस्थिति में समापन किया गया।

 समापन कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल द्वारा पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज सरगुजा का पुष्प गुच्छ से स्वागत सम्मान किया गया।

पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंकित गर्ग द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि आगामी महीने से नवीन क़ानून को रेंज सहित समस्त जिले में लागू किया जाना है। उक्त कानूनों के परिपालन में 7 वर्ष के ऊपर के सजा के प्रत्येक प्रकरणों में घटनास्थल का एफ. एस. एल. टीम द्वारा निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित किया गया है।

इस दिशा में नये कानूनों के क्रियान्वयन हेतु पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को प्राथमिक स्तर पर घटनास्थल मे वैज्ञानिक साक्ष्य कों एकत्रित करने एवं एफ. एस. एल. टीम के पहुंचने तक उक्त साक्ष्य को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण योगदान होगा।  इस स्थिति के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को फिंगरप्रिंट दर्ज करने का ज्ञान होना आवश्यक है। इसी तारतम्य में पुलिस मुख्यालय रायपुर के निर्देशानुसार 5 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर फिंगरप्रिंट के तकनीकी एवं वैज्ञानिक पहलु की जानकारी दी गई है। आप सभी प्रशिक्षण में दी गयी जानकारी को सीखकर प्रकरणों के निराकरण में वैज्ञानिक पहलु को समाहित कर आरोपियों के दोससिद्धि में अपना योगदान देंगे।

पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल ने प्रशिक्षण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस 5 दिवसीय फिंगरप्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला से पुलिस अधिकारियो/ कर्मचारियों को घटनास्थल से वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने का प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। घटनास्थल से प्राप्त वैज्ञानिक साक्ष्य फिंगरप्रिंट दर्ज करते समय कई सावधानियों का ध्यान रखना पड़ता हैं, जिससे सम्बंधित व्यक्ति की उपस्थिति घटनास्थल पर होना माना जाता है।

 फिंगरप्रिंट साक्ष्य को माननीय न्यायालय के समक्ष वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में प्रकरण में शामिल किया जाता है, जिसकी स्वीकारोक्ति शत प्रतिशत मानी जाती है। आप सभी समय समय पर अपने जिलों में फिंगरप्रिंट दर्ज करने का अभ्यास करते रहे, और नवीन क़ानून के क्रियान्वयन की दिशा में अपना योगदान देने निर्देशित किया गया।

प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ लिनुस किस्पोट्टा, रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह राजपूत, मास्टर ट्रेनर धर्मेंद्र भारती, कमलेश्वर सिंह उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यशाला समाप्त होने पश्चात सभी पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में रेंज स्तर पर लगभग 200 पुलिस अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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