दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 28 जून। दंतेवाड़ा जिला जैविक कृषि के क्षेत्र में जैविक कृषि के क्षेत्र में अग्रणी जिला है, और जिले के कृषकों ने इसे जैविक कृषि जिला बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। इस क्रम में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने द्वारा जिले के स्थानीय बाजार शेड में भूमगादी एवं जैविक कृषि से जुड़े कृषकों से खरीफ सीजन एवं जैविक खेती के बारे विस्तार पूर्वक चर्चा की।
उन्होंने उनकी मांग और समस्याओं को सुना। इस दौरान कृषकों और कलेक्टर के मध्य देशी किस्म के बीज के किये जा रहे उपयोग, जैविक खाद, दवा, श्रीविधि एवं लाइन विधि से बुआई बिजामृत, और गोमूत्र के उपयोग के अलावा कृषकों हेतु पशु शेड के निर्माण, फसल की मार्केटिंग, मूल्य, स्थानीय बाजारों में जैविक फसलों के लिए आरक्षित स्थान के संबंध में विस्तार पूर्वक विचार विमर्श हुआ।
इस मौके पर कलेक्टर ने तारबाड़ी फेंसिंग के लिए प्रशासन के सहयोग की भी बात कही उन्होंने यह भी कहा कि जल की आवश्यकता बारिश के दिनों में वर्षा जल के संचयन के लिए कृषक जगह का चयन करें ताकि मानसून के पश्चात इन स्थानों में निर्माण कार्य कराये जा सकें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्नतशील कृषकों के कृषि क्षेत्र में कृषकों के भ्रमण एवं स्थल परीक्षण की भी व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे नई कृषि विधियों से परिचित हो। इस संबंध में कृषक कृषि विभाग से संपर्क कर उन्हें अवगत कराये।
इस मौके पर जैविक कृषक से जुड़े ग्राम कासोली के मधुसूदन ठाकुर, तथा हीरानार के लुदरू ने भी जैविक कृषि को बढ़ावा देने के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये। मौके पर उप संचालक कृषि सूरज पनसारी ने भी खरीफ फसल के दृष्टिगत बीज भण्डारण एवं वितरण, जैविक खेती की तैयारियों, ज्यादा से ज्यादा नावेड टैंक निर्माण के संबंध में कृषकों को अवगत कराया।