मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

डायरिया से महिला की मौत
31-Jul-2024 3:27 PM
डायरिया से महिला की मौत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 31 जुलाई।
एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत पाराडोल के वार्ड नंबर 20 भादेपतेरा में पक्की सडक़ नहीं होने का खामियाजा यहां के ग्रामीण वर्षों से भुगत रहे हैं। एंबुलेंस तक गांव में नहीं पहुंच पा रही है जिसकी वजह से समय रहते मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा और वे काल के गाल में समा रहे हैं, लेकिन असमय मरने वाले आम हैं, इस वजह से खास लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ से करीब 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पाराडोल के हरकाटनपारा में पिछले कुछ दिनों से डायरिया का कहर जारी है। हरकाटनपारा पहुंचने के लिए भादेपतेरा होकर जाना पड़ता है जहां आज तक पक्की सडक़ नहीं बन सकी है। रास्ता इतना दुर्गम है कि बरसात के मौसम में गांव तक पैदल पहुंचना भी काफी मुश्किलों भरा है। हरकाटनपारा में 27 जुलाई को डायरिया की चपेट में आई 25 वर्षीया महिला मीरा का समय पर इलाज नहीं हो सका और उसने गांव में ही दम तोड़ दिया। महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और इसके अगले दिन रविवार से गांव में स्थित प्राथमिक स्कूल में मेडिकल कैंप लगाकर मरीजों का उपचार आरंभ किया गया। कैंप में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मचारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 31 मरीजों का परीक्षण किया गया है जिसमें 20 मरीज डायरिया से ग्रसित पाए गए हैं। 11 मरीजों का उपचार कैंप में किया गया। कैंप से 8 मरीजों को सीएचसी मनेंद्रगढ़ रेफर किया गया था जहां से 2 मरीजों की नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वर्तमान में डायरिया से ग्रसित 6 मरीजों को सीएचसी मनेंद्रगढ़ में भर्ती बताया गया है।

स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के पीछे सडक़ बड़ी वजह
गांव में स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा समय रहते ग्रामीणों को नसीब नहीं होने के पीछे सडक़ को बड़ी वजह माना जा रहा है। यहां के ग्रामीण बताते हैं कि सडक़ नहीं होने की वजह से आपदा के समय अक्सर यहां एंबुलेंस सेवा बंद हो जाती है, जिससे मरीजों को बहुत परेशानी होती है। समय रहते गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंच पाने के कारण पूर्व में 3 गंभीर मरीजों की गांव में जान जा चुकी है, वहीं अब डायरिया की चपेट में आई महिला की भी मौत हो चुकी है। गंभीर मरीजों को खाट पर लेकर परिजन अस्पताल की दौड़ लगाते हैं जिसमें से कई बार रास्ते में ही मरीजों की सांसें थम जाती हैं, बावजूद इसके जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

अब आंख नहीं खुली तो ग्रामीण कभी माफ नहीं करेंगे
पूर्व विधायक प्रतिनिधि विजय सूर्यवंशी ने प्रदेश में काबिज वर्तमान भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 16 साल राज्य में और 11 साल देश में शासन करने के बाद भी सरकार निकम्मी साबित हुई है। उन्होंने कहा कि बेहद शर्म की बात है की पक्की सडक़ के अभाव में समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से हर साल एक जान चली जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि गांव में यदि पक्की सडक़ नहीं बना सकते तो कम से कम खस्ताहाल कच्ची सडक़ की मरम्मत ही करा दें। उन्होंने बताया कि गांव के सरपंच भी मंत्री से सडक़ के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी मांग भी आज तक अनसुनी रही है। पूर्व विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि आज गांव में डायरिया कहर बनकर टूट रहा है, इसके बाद भी जिम्मेदारों की आंख नहीं खुली तो ग्रामीण उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएंगे।

 

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