मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

जिले में किराए के लाइसेंस व बिना फार्मासिस्ट के चल रहीं कई मेडिकल दुकानें
01-Aug-2024 2:12 PM
जिले में किराए के लाइसेंस व बिना फार्मासिस्ट के चल रहीं कई मेडिकल दुकानें

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता,

मनेन्द्रगढ़, 1 अगस्त। जिले में धड़ल्ले से किराए के लाइसेंस व बिना फार्मासिस्ट के कई मेडिकल दुकान संचालित होने की खबर है। इसमें बड़ी बात यह है कि बिना अनुभव वाले ही पूरे समय दुकान संभाल रहे हैं और दवाईयां भी लोगों को दे रहे हैं। जिम्मेदारों के द्वारा अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई नहीं की जा रही है, इससे ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं।

एमसीबी जिले में शासन के कड़े नियमों और प्रावधान के बावजूद किराए के लाइसेंस व बिना फार्मासिस्ट की मौजूदगी के कई मेडिकल दुकानें संचालित हो रही हैं। यह भी पता चला है कि एक लाइसेंस पर ही अलग-अलग कई दुकानें चल रही हैं। चौंकाने वाली बात यह कि सीएचसी मनेंद्रगढ़ में संचालित जन औषधि केंद्र में भी फार्मासिस्ट नहीं बैठ रहे हैं। ड्रग विभाग के द्वारा अभियान चलाकर लंबे समय से ऐसे दुकानों की जांच नहीं की गई है।

विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली को देखते हुए मनेंद्रगढ़ निवासी शिकायतकर्ता बीपी जायसवाल के द्वारा 8 जुलाई 2024 को जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में नियम विरूद्ध मेडिकल दुकान संचालन की नामजद शिकायत कलेक्टर के नाम की गई, लेकिन जब कई दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने रजिस्ट्रार छग राज्य फार्मेसी काउंसिल रायपुर को इसकी शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है।

निरीक्षण के दौरान दुकान में नहीं मिले फार्मासिस्ट

ड्रग इंस्पेक्टर आलोक मिंज का कहना है कि मनेंद्रगढ़ में नियम विरूद्ध एक मेडिकल दुकान संचालित किए जाने शिकायत प्राप्त हुई है। उनके द्वारा संबंधित मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान दुकान में फार्मासिस्ट नहीं थे, लेकिन संचालक द्वारा किसी भी ग्राहक को दवा विक्रय करते नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि हम त्वरित कार्रवाई नहीं कर सकते। संचालक को क्रय और विक्रय बिल प्रस्तुत करने के लिए 5 दिन का समय दिया गया है। दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर नोटिस दिया जाएगा नोटिस का जवाब प्रस्तुत करने के बाद या तो सस्पेंड होगा या फिर निरस्त की कार्रवाई होगी। यहां ड्रग इंस्पेक्टर का यह कहना कि संचालक द्वारा किसी भी ग्राहक को दवा विक्रय करते नहीं पाया गया, साफ पता चलता है कि ड्रग विभाग अवैध तरीके से चला रहे मेडिकल दुकान संचालकों पर किस कदर मेहरबान है।

गैर पंजीकृत के द्वारा दवाईयों का विक्रय करने पर 6 माह की सजा

छत्तीसगढ़ राज्य फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार ने 16 मई 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त चिकित्सालयों, फार्मेसी, मेडिकल स्टोर के संचालक एवं फार्मासिस्ट को विशेष सूचना जारी की है कि फार्मेसी अधिनियम 1948 की धारा-42 में विहित प्रावधान अनुसार मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रेस्क्रिप्शन पर केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा ही दवाईयां डिस्पेस की जानी है। किसी गैर पंजीकृत के द्वारा दवाईयों का डिस्पेस, वितरण या फिर विक्रय होना पाए जाने पर संबंधितों को 6 माह तक की सजा या 1 हजार रूपए अर्थदंड अथवा दोनों सजाएं एक साथ होने का प्रावधान है। वहीं फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली के द्वारा गैर पंजीकृत फार्मासिस्ट के द्वारा दवा डिस्पेंसिंग करते पाए जाने पर 3 माह तक की सजा अथवा 2 लाख रूपए का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होने का प्रावधान किया गया है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news