मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

छत्तीसगढ़ का एक गांव, जहां राशन लेने से पहले पहाड़ पर जाना होता है...
14-Aug-2024 2:40 PM
छत्तीसगढ़ का एक गांव, जहां राशन  लेने से पहले पहाड़ पर जाना होता है...

रंजीत सिंह की विशेष रिपोर्ट-

मनेन्द्रगढ़, 14 अगस्त (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। छत्तीसगढ़  के मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी-भरतपुर जिले के भरतपुर विकासखंड में एक गांव के लोगों को राशन लेने से पहले पहाड़ पर जाना होता है, तब कहीं जाकर राशन मिलता है। यह एक दो बार नहीं बल्कि पूरे साल यही प्रक्रिया दोहराई जाती है। 

दरअसल, राशन कार्ड धारकों को ई-पास मशीन के जरिये राशन वितरित किया जाता है। ऐसे में प्रत्येक राशन कार्ड धारकों को फिंगर लगाना पड़ता है, तब कहीं जाकर हितग्राहियों को राशन मिलता है।

यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के भरतपुर विकासखंड अंतर्गत गढ़वार ग्राम पंचायत का है। यहां पूरे गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं है, जिस कारण से ई-पास मशीन काम नहीं करता है, ऐसे में राशन वितरण करने वाले विक्रेता के साथ साथ पूरे राशनकार्ड हितग्राहियों को दो किलोमीटर दूर एक पहाड़ पर जाना पड़ता है, यहां हितग्राहियों का फिंगर लगाना पड़ता है तब कहीं जाकर राशन मिलता है, क्योंकि गांव से दूर पहाड़ पर ही नेटवर्क मिल रहा है। 

इस तरह की दिनचर्या से ग्रामीणों को भी सारे काम छोड़ कर पूरा दिन पहाड़ पर बैठना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि डीलर हमें  संदेश भिजवा देते हैं कि राशन आ गया है,सभी लोग पहाड़ पर पहुंचे, फिंगर लगाना है, इसके बाद ग्रामीणों की जद्दोजहद शुरू हो जाती है।

इस संबंध में गढ़वार सरपंच सविता बाई ने बताया कि नेटवर्क न होने के कारण फिंगर लगाने के लिये पहाड़ी पर चढऩा पड़ता है क्योंकि 382 राशन कार्डधारी हैं। इसकी शिकायत मैं खाद्य निरीक्षक एवं जिला खाद्य अधिकारी को किया हूं। लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ है। सभी कोई बोल रहे हैं कि ऑफलाइन हो जाता,  लेकिन ऑनलाइन है तो ऑफलाइन कैसे होगा, यही समस्या है। बरसात का मौसम है। पानी गिरने लगता हैं तो फिंगर लगाने में बहुत समस्या जाती है। नेटवर्क की समस्या होने के कारण पहाड़ी पर चढ़ कर फिंगर लगवाना पड़ता है।

ग्रामीण अवधेश ने बताया कि यहां फिंगर लगाने के लिए बहुत परेशानी होती है। बुजुर्ग यहां चढ़ते हैं, कभी भी गिर सकते हैं, शासन को यह पता नहीं है। हम लोग को पता है कि कैसे पहाड़ में चढ़ कर फिंगर लगते हैं। कभी भी पहाड़ में चढ़ते चढ़ते बुजुर्ग पहाड़ से गिर सकते हैं। शासन को चाहिए कि यहां टावर की व्यवस्था करे, जिससे हम लोग को सुविधा मिल सके। ये समस्या हर महीने बनी रहती है, हम तो किसी कदर चढ़ जाते हैं, लेकिन बुजुर्गों को पहाड़ी में चढऩे के लिए बहुत दिक्कत होती है यहां जल्द से जल्द टावर की व्यवस्था की जाय, जिससे हम लोगों को पहाड़ी पर न चढऩा पड़े।

ग्रामीण  तेजबहादुर पंडो ने बताया कि हमारी समस्या टावर न रहने के कारण पहाड़ पर चढऩा पड़ता है और उतरना पड़ता है, जिससे बहुत दिक्कत होती है।
आधा एक दिन तो पहाड़ी पर चढ़ते-उतरने में लग जाता है। बुजुर्ग बैठ-बैठ कर चढ़ते उतरते हैं। टावर न रहने के कारण यह समस्या बनी रहती है। 
ऐसा करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है, ऐसा करने में पूरा समय ऐसा ही समय निकल जाता है, तब कहीं जाकर राशन मिलता है। यह टावर जल्द से जल्द लगवाया जाए, जिससे हमारी समस्या दूर हो और हमको गांव वालों को पहाड़ पर न चढऩा पड़े।

ग्रामीण राजीव घसिया ने बताया कि पहाड़  पर चढ़ते हैं फिंगर लगाने के लिए, यहां सर्वर नहीं बताता, इसलिये पहाड़ पर चढ़ते हैं। यहा सभी परेशान हंै। नेटवर्क के लिये हम मांग करते हैं कि यहाँ नेटवर्क की सुविधा मिले।

ग्रामीण राजू राम बताते हैं कि यहां नेटवर्क की बहुत समस्या होती है, इसलिये हम लोग गांव के सभी पहाड़ पर फिंगर लगाने के लिये आते हैं। यहां टावर नहीं है, जिसके कारण टाइम में हम लोग को राशन नहीं मिल पाता है।
 

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