महासमुन्द

6 साल की बच्ची की मौत, जांच शुरू'
02-Sep-2024 4:02 PM
6 साल की बच्ची की मौत, जांच शुरू'

नवजीवन अस्पताल तुमगांव जांच पूर्ण होने तक बंद, अस्पताल के डायरेक्टर से भी जवाब मांगा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद, 2 सितंबर।
नवजीवन अस्पताल तुमगांव में 2 दिन पूर्व इलाज में लापरवाही के चलते हुई 6 साल की अंकिता पिता नेतराम धीवर की मौत की जांच 4 डॉक्टरों की टीम ने शुरू कर दी है। 
प्रथम दृष्टया डॉक्टर की अनुपस्थिति में इलाज किये जाने की बात सामने आने पर स्वास्थ्य प्रशासन ने अस्पताल को जांच पूर्ण होने तक बंद करने का आदेश दिया है। जांच टीम ने रविवार को अस्पताल से अंकिता का मेडिकल रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया तथा डायरेक्टर उदयराम साहू को नोटिस देकर उनका पक्ष लिखित में मांगा है। कुल 8 प्रश्नों के जवाब भी उनसे लिखित में अलग से मांगा गया है। जांच टीम के सदस्यों में बीएमओ तुमगांव डॉ.अनिरूद्ध कसार, डॉ.छत्रपाल चन्द्राकर, डॉ. अरविंद गुप्ता, डॉ.व्ही.पी. सिंग अंकिता की मौत की जांच के लिये कल 11 बजे नवजीवन अस्पताल पहुंचे। 

सभी ने प्रथम दृष्टया डॉक्टर की अनुपस्थिति में इलाज करना पाया। इस दौरान अस्पताल संचालक उदयराम साहू मौजूद थे। उनसे जानकारी लेने के बाद टीम ने अंकिता के उपचार से संबंधित दवा की जानकारी ली तथा मेडिकल रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया। संचालक को नोटिस देकर उनका पक्ष 24 घंटे के भीतर मांगा गया है। साथ ही डॉक्टर की अनुपस्थिति में अंकिता का इलाज किया जाना पाये जाने पर जांच पूर्ण होने तक अस्पताल बंद रखने का आदेश दिया गया है। 
जांच टीम बाद में अंकिता के पिता का भी लिखित पक्ष मांगेगी। आईपीडी स्लीप में इलाज करने वाले मेडिकल रिकार्ड, दवाएं आदि जांच टीम ने अपने कब्जे में ली है जिनमें डॉक्टर के दस्तखत नहीं पाये गये। 

जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बच्ची के उपचार के दौरान वहां कोई भी डॉक्टर उपस्थित नहीं था। बल्कि एक पुरूष कंपाउंडर द््वारा ही उसे ड्रीप इंजेक्ट किया गया था। इस दौरान अस्पताल में कुल 3 स्टाफ  ही थे।  कल जांच के दौरान टीम ने सर्वप्रथम मृतका को दी गई दवाइयों की जांच की। जिसमें यह जानकारी मिली कि मृतका अंकिता धीवर को उल्टी, दस्त तथा बुखार अत्यधिक होने की वजह से उसे ग्लूकोज के साथ पैरासिटामॉल, एंटीबायोटिक्स तथा ताकत के लिये इंजेक्शन इंजेक्ट किया गया था। सूत्रों के अनुसार अंकिता धीवर को गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुये स्टाफ  द्वारा तत्कालिक उपचार उन्हें प्रदान किया गया।  हालांकि इस दौरान डॉक्टर के नहीं होने की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। इसलिये उन्हें नोटिस दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार आवश्यकता पडऩे पर दी गई दवाओं को जांच के लिये पैरालेबोरेट्री एम्स भेजा जा सकता है। पुलिस और स्वास्थ्य प्रशासन रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि मर्ग सूचना की जांच के बाद ही पुलिस की कार्रवाई इस मामले में आगे बढ़ेगी। 
 

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