बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 21 जनवरी। जिले में समर्थन मूल्य पर अब तक 1 लाख 50 हजार किसानों से 5 लाख 71 हजार मीटरिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। खरीदे गये धान की कीमत लगभग 1074 करोड़ रूपये की है। समितियों से ली गई ऋण राशि लौटाने के बाद 752 करोड़ रूपये की राशि किसानों के खातों में जमा कराई जा चुकी है। पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग 11 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। धान खरीदी की अंतिम समय-सीमा 31 जनवरी निर्धारित की गई है। बारदानों की कमी दूर करने के लिए 600 गठान बारदानें एक-दो दिन में पहुंच रहे हैं। इस तरह स्थानीय व्यवस्था और किसानों के सहयोग से जिले में धान की खरीदी सुचारू तरीके से चल रही है।
कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने बताया कि जिले में धान बेचने के लिए इस साल 1 लाख 65 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से 1 लाख 50 हजार किसानों से 5 लाख 71 हजार मीटरिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। पिछले साल से ज्यादा तेजी के साथ इस साल खरीदी कार्य जारी है। गत वर्ष इस अवधि तक मात्र 91 हजार किसानों ने 3 लाख 71 हजार मीटरिक टन धान का विक्रय किया था। इस प्रकार गत वर्ष से 35 प्रतिशत ज्यादा किसानों से धान की खरीदी की गई है। कलेक्टर ने बताया कि इस साल पंजीकृत किसानों में से 91 प्रतिशत किसान अपना धान बेच चुके हैं। शेष किसानों के धान की खरीदी भी अंतिम समय-सीमा तक कर लिया जायेगा। इस साल जिले में 6 लाख 86 हजार मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य अनुमानित किया गया है।
कलेक्टर ने बताया कि जिले में अब शेष दिनों में 1 लाख 14 हजार मीटरिक टन धान उपार्जन किया जाना बचा है। इसके लिए लगभग 5 हजार 721 गठान बारदानें की जरूरत पड़ेगी। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए बारदानों का इंतजाम कर लिया गया है। जिसके तहत कस्टम मिलिंग हेतु धान के उठाव से लगभग 600 गठान बारदानें मिलरों से मिलेगा। पीडीएस से 964 गठान,एक भरती एचडीपीई-पीपी से 200 गठान एवं नवीन एचडीपीई-पीपी के 600 गठान सहित रायपुर जिले से भी कुछ बारदानें मिलेंगे। पीडीएस बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फरवरी महीने का राशन भी उपभोक्ताओं को अग्रिम रूप से इसी माह दिया जा रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार ने किसानों को पहले से ही अपने बारदानों में धान बेचने की अनुमति प्रदान की है। इसका फायदा भी किसान उठा रहे हैं। इस प्रकार जिला प्रशासन ने शेष दिनों की खरीदी का अनुमान लगाकर बारदानो का इंतजाम कर लिया है, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।